उम्मीद तो नहीं तेरे आने की कभी
फिर भी न जाने क्यूँ ये दिल आस लिए बैठा है.
कम-ओ-बेश यही हालत ममता बेनर्जी की है। अप्रत्यक्ष गठबंधन और कुर्सी पीएम वाली की उम्मीद अभी बाकी है। इसीलिए तो न निगलते बनता है न उगलते बनता है। आज जब पत्रकारों ने ममता से कांग्रेस के घोषणा पत्र के बारे में पूछा तब उनकी हालत देखने वाली थी।
कोलकाता: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) में वोटरों को लुभाने के लिए कांग्रेस अपना घोषणा पत्र जारी कर चुकी है. ऐसे में घोषणापत्र पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कहना है कि राजनीतिक दलों को अपने-अपने घोषणापत्रों में किये गये वादों के समुचित कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. पूर्व के चुनावों में अपनी पार्टी द्वारा के किए गए वादों में से अधिकतर को पूरा करने का दावा करते हुए तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि एक पार्टी का घोषणापत्र इसका ‘विजन डाक्यूमेंट’ होता है. इसलिए पार्टी की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए पार्टी को अपने वादों को पूरा करना चाहिए.
मुख्यमंत्री ने राज्य सचिवालय में मंगलवार को संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि, ‘‘घोषणापत्र एक पार्टी की विचारधारा को दर्शाता है इसीलिए पार्टियों को अपनी प्राथमिकताओं का ध्यान रखना चाहिए. आप पूरे घोषणापत्र को देखिये. हमने 200 से अधिक वादों को पूरा किया.’’ वहीं जब ममता बनर्जी से मंगलवार को जारी कांग्रेस के घोषणापत्र पर पूछा गया तो उन्होंने इस पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.
उन्होंने कहा कि ‘किसी भी पार्टी के घोषणापत्र पर मेरी कोई टिप्पणी नहीं है. घोषणापत्र किसी भी पार्टी का विशेषाधिकार होता है, ऐसे में मैं कांग्रेस के घोषणापत्र पर कुछ नहीं कहना चाहती. हां कुछ कहना और कुछ करना अलग बात है. सबकी अपनी प्राथमिकताएं होती हैं, लेकिन जब कोई भी पार्टी जनता से कोई वादा करती है तो उन्हें उसे पूरा करना चाहिए.’