चीन की उकसावे की हरकतें बढ़ती ही जा रही हैं। वह पाकिस्तान से मित्रता निभाते हुए भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त है साथ ही साथ वह विश्व में खास कर एशिया में अपनी सीमा से सटे छोटे राष्ट्रों को भी यदा कडा सामरिक छेड़छाड़ से धमकाता रहता है। सभी राष्ट्र वह चाहे भारत हो या ताइवान कोई भी अपनी संप्रभुता के आड़े किसी को भी नहीं आने देना चाहता और फिर यह तो ताइवान है। सलाह तो यही है की चीन दु:साहस न दिखाये।
ताइपे: ताइवान ने सोमवार को कहा कि उसके विमानों ने ताइवान जलडमरूमध्य में मध्य रेखा को पार करने वाले चीनी सेना के विमानों को चेतावनी दी है साथ ही उसने चीन के इस कदम को उकसावे वाला करार दिया. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि चीन के दो जे-11 लडाकू विमानों ने रविवार सुबह करीब 11 बजे रेखा को पार किया और द्वीप के दक्षिणपश्चिमी हवाई क्षेत्र में घुस गए. मंत्रालय ने बताया कि ताइवान ने चीन के विमानों को चेतावनी देने के लिए अपने विमान भेजे. चीन के दोनों विमान ताइवान में 185 किलोमीटर तक घुस आए थे.
ताइवान के राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने सैन्य पुरस्कार समारोह में अपने बयान में कहा, ‘‘चीनी सेना के विमानों ने ताइवान जलडमरूम की मध्य रेखा को कल पार करके अलिखित समझौते का उल्लंघन करके हमें उकसाया. हमारी वायु सेना की चेतावनी के बाद वे मध्य रेखा के पश्चिम की ओर चले गए.
विदेश मंत्री जोसेफ वू ने संवाददाताओं से कहा कि रेखा को पार करना अंतरराष्ट्रीय कार्य है. उन्होंने उसे उकसावे वाला और खतरनाक कदम बताया. उन्होंने बताया कि ताइवान ने घटना की जानकारी ‘‘क्षेत्रीय सहयोगियों’’ को दे दी है.