सोश्ल मीडिया का इस्तेमाल जानकारी के आदान प्रादान के लिए किया जाता है। इस मीडियमसे लोगों के फासले खत्म हसे हो गए हैं, शारीरिक रूप से दूर भी अभूत सहजता से स्व्यम को आपके पास पाता है और उस दूरी का एहसास खत्म हो जाता है। लोग इस माध्यम से मिली जानकारी को भी बहुत ही संजीदगी से लेते हैं, खास कर युवा वर्ग। जब यहीं पर प्रचार सामग्री मिल रही हो तो राजनाइटिक दल भी इसका भरपूर इस्तेमाल करते हैं। राजनाइटिक विद्वेष यहाँ प्रचार कम अपितु दुष्प्रचार अधिक करते हैं। कोई अचरज नहीं जब पाकिस्तान भी भारत के लोकसभा चुनावों में दल विशेष की मदद कर रहा हो। फस बुक के अनुसार उन्होने कांग्रेस संबन्धित तमाम पेज डिलीट कर दिये हैं परंतु आश्चर्य यह है की इन्हीं पेजिस के साथ साथ पाकिस्तान सेन के 103 पेज भी भारत चुनावों में संलिप्त थे। है तो जांच का विषय। कपिल सिब्बल ज़रूर जानना चाहेंगे की गद्दार कौन है।
- सोशल मीडिया कंपनी ने कहा कि ‘अप्रमाणिक व्यवहार’ के चलते देश की मुख्य विपक्षी पार्टी से जुड़े इन पेजों को हटाया गया है
- फेसबुक के साइबर सिक्यॉरिटी पॉलिसी के हेड नाथनेल ग्लेचियर ने कहा, ‘लोगों ने अपनी पहचान को छिपाकर यह काम करने का प्रयास किया
- सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ने कहा कि उसने पाकिस्तानी सेना के जनसंपर्क विभाग से जुड़े 103 पन्नों को भी हटाने का फैसला लिया है
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के कुछ दिन पहले फेसबुक ने एक सख्त कदम उठाते हुए देश के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस से संबंधित तमाम पेज डिलीट करने की घोषणा की है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक फेसबुक ने सोमवार को यह भी बताया है कि इसके साथ ही उसने पाकिस्तानी सैन्यकर्मियों से जुड़े 103 अकाउंट भी रिमूव कर दिए हैं. सोमवार को सोशल मीडिया कंपनी ने अपने इस कदम के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि ‘अप्रमाणिक व्यवहार’ के चलते देश की मुख्य विपक्षी पार्टी (कांग्रेस) से जुड़े पेजों को हटाया गया है. फेसबुक ने इसके साथ ही यह भी साफ किया है कि इन पन्नों को उनमें प्रकाशित सामग्री की बजाय उनके ‘इनअथेंटिक बिहेवियर’ यानी अप्रामाणिक जानकारी के चलते हटाया गया है.
फेक अकाउंट बना कर तमाम ग्रुप में जुड़े थे लोग
आपको बता दें कि दुनिया में सबसे ज्यादा फेसबुक यूजर भारत में हैं जिनकी संख्या तकरीबन 30 करोड़ है. फेसबुक ने कहा है कि उसने अपनी जांच में पाया है कि पहले लोगों ने फेक अकाउंट्स बनाए और अलग-अलग ग्रुप्स से जुड़कर अपनी बातों (कंटेंट) को फैलाया और लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने का काम किया. फेसबुक ने कहा कि उन फेसबुक पन्नों पर लोकल न्यूज के साथ-साथ अपने विरोधी दल जैसे कि पीएम नरेंद्र मोदी के बीजेपी की आलोचना भी की जाती थी.
कांग्रेस की आईटी सेल से जुड़े थे लोग
फेसबुक के साइबर सिक्योरिटी पॉलिसी के प्रमुख नथानिएल ग्लीइकर ने इस बारे में बताते हुए कहा, “लोगों ने अपनी पहचान को छिपाकर यह काम करने का प्रयास किया था, लेकिन हमने अपनी जांच में पाया कि ऐसे फेसबुक पेज कांग्रेस की आईटी सेल के लोगों से जुड़े हुए थे.” इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि इन अकाउंट्स को उनके द्वारा पोस्ट किए गए कंटेंट के आधार पर नहीं बल्कि उनके व्यवहार के चलते हटाया जा रहा है.
पाकिस्तान के 103 अकाउंट भी हटाए गए
सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ने इसके साथ ही यह भी कहा कि उसने पाकिस्तानी सेना के जनसंपर्क विभाग से जुड़े 103 फेसबुक पेज, ग्रुप और अकाउंट को भी हटाने का फैसला लिया है. फेसबुक के मुताबिक इनका संचालन पाकिस्तान से ही होता था और ये पाकिस्तानी सेना के अंतर-सेवा जनसंपर्क विभाग के कर्मचारियों द्वारा चलाए जा रहे थे.
इस वजह से उठाया गया है यह कदम
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक भारत सरकार के साथ ही साथ दुनिया भर की कई अथॉरिटीज ने फेसबुक पर इस बात के लिए दबाव बनाया था कि वह यह सुनिश्चित करे कि उसके प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए फर्जी जानकारियां फैलाने (खासकर आने वाले चुनावों के वक्त) के लिए नहीं किया जाएगा.