Monday, December 23

अभी कांग्रेस वांदल सत्ता में नहीं है तो इन लोगों का हौसला इतना खुला है यदि वामपंथी कांग्रेस सत्ता में आ जाते हैं तो शिक्षण संस्थाओं का क्या होगा? नाम ना छापने की शर्त पर जेएनयू के एक कर्मचारी का। भारत तेरे टुकड़े होंगे इनशालाह इनशालाह के नारे देने वाले जेएनयू के वामपंथी छात्र संगठन ने एक बार फिर अपना असली चेहरा दिखाया। यूजीसी के नियमों को लागू करने के विरोध में इस वारदात को अंजाम दिया गया।

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में सोमवार को वामपंथी विचार धारा से जुड़े हुए छात्रों की भीड़ ने कुलपति एम. जगदीश कुमार के आवास का घेराव किया. साथ ही छात्रों ने उनके आवास में जबरन घुसने का प्रयास किया और वामपंथी जमकर उत्पात मचाया. जेएनयू के कुलपति एम जगदीश कुमार ने आरोप लगाया है कि छात्रों ने उनके आवास में जबरन घुसने की कोशिश की और उनके द्वारा तोड़फोड़ की गई. उन्होंने कहा कि छात्रों ने सुरक्षाकर्मियों से धक्का-मुक्की की और  पत्नी को बंधक बना लिया.

बताया जा रहा है कि करीब 500 छात्र-छात्राओं ने कुलपति के घर मे घुसने की कोशिश की. सुरक्षाकर्मियों ने जब छात्रों को रोका तो उन्होंने सुरक्षा कर्मियों के साथ हाथापाई भी की. दरअसल, ये छात्र पिछले 5-6 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे थे. इनकी मांग थी कि कुलपति जिन यूजीसी के नियमों को जेएनयू में लागू करने की कोशिश कर रहे है उसे लागू ना किया जाए. लिहाजा, काफी संख्या में छात्र पहले वीसी के ऑफिस गए वहां उनके न होने की वजह से सुरक्षाकर्मियों के साथ हाथापाई की.

उसके बाद सारे छात्र कुलपति के घर पहुंच गए. यह बताने पर कि वीसी घर पर नहीं हैं, बावजूद इसके भी छात्र मानने को तैयार नही थे. घर मे वीसी की पत्नी अकेली थी जिन्हें छात्रों ने घंटों तक घर मे बंधक बनाए रखा. काफी मशक्कत के बाद जेएनयू प्रशासन के लोगों ने उन्हें बाहर निकाला और हॉस्पिटल में भर्ती कराया. घटना की जानकारी पुलिस मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले को शांत कराया. जिसके बाद छात्र अपने-अपने हॉस्टल चले गए. फिलहाल पुलिस को अभी तक कोई शिकायत नहीं दी गई है. जेएनयू से बाहर गए हुए वीसी वापस अपने घर पहुंच रहे हैं.

वहीं, कुलपति ने ट्वीट कर लिखा कि आज शाम कुछ सौ छात्रों ने जबरन मेरे जेएनयू आवास में तोड़फोड़ की और पत्नी को कई घंटों तक घर के अंदर कैद रखा. मैं एक बैठक में था. घर में अकेली महिला को डराना, क्या यह विरोध का तरीका है.