नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऐलान किया कि कांग्रेस पार्टी सत्ता में आई तो देश के 20 प्रतिशत गरीब परिवारों को सालाना 72 हजार रुपए की न्यूनतम पेंशन देगी. हालांकि इसकी रूप रेखा क्या होगा, इसके लिए खर्च होने वाली भारी भरकम राशि कहां से आएगी, इस पर कांग्रेस ने अभी कोई ब्योरा पेश नहीं किया है. इधर कांग्रेस की इस योजना पर बीजेपी ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने ब्लॉग लिखकर राहुल गांधी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, आप लोगों की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रहे हैं.
अरुण जेटली ने बाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, इंदिरा जी नारों को अर्थशास्त्र से बेहतर समझती थीं. कांग्रेस पार्टी ने 7 दशकों तक भारत को धोखा दिया है. 1971 में कांग्रेस ने गरीबी हटाओ का नारा दिया था. राजीव गांधी के पास गरीबी हटाने का मौका था. लेकिन कांग्रेस का ध्यान हमेशा से गरीबी से ज्यादा नारों पर रहा. राहुल गांधी सिर्फ गरीबों का मजाक उड़ाते हैं.
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने वादों से ज्यादा दिया
अरुण जेटली के अनुसार, पीएम नरेंद्र मोदी ने देश में गरीबों को अपने वादों से ज्यादा दिया है. कांग्रेस का झूठे वादे ऐलान करने का इतिहास रहा है. गरीबी हटाने के नाम पर कांग्रेस का उद्देश्य व्यवसाय करना रहा है. कांग्रेस ने योजनाओं के नाम पर सिर्फ छल किया है. कांग्रेस कह रही है कि इससे कोई वित्तीय भार नहीं पड़ेगा. आज केंद्र सरकार की 55 विभागों की योजनाओं को हमने डीबीटी के माध्यम से जोड़ा है. आज हमारी सरकार 5.3 लाख करोड़ दे रही है.
अरुण जेटली ने कहा, हमने डीबीटी तैयार किया. कांग्रेस आधार की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में लेकर गई. अब वह इस पर राजनीति कर रही है. नारों से गरीबी नहीं जाएगी. इसके लिए काम करना पड़ता है. आज फिर से राहुल गांधी ने गरीबी के नाम पर धोखा दिया है.
कहा जा रहा है कि इसमें 5 करोड़ परिवारों के 25 करोड़ लोग शामिल होंगे. इस पर 3.6 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे. ये राशि देश के रक्षा बजट से भी ज्यादा है. माना जा रहा है कि अगर ये योजना लागू हो जाती है तो वित्तीय घाटा 10 लाख करोड़ पहुंच जाएगा.