Monday, December 23

कैलाश विजयवर्गीय को जानने वालों की मानें तो कैलाश विजयवर्गीय सटीक बोलते हैं, निर्भीक वक्तव्य उनकी पहचान है और उनकी बात का कोई दूसरा मतलब नहीं होता। आज जब कैलाश विजयवर्गीय ने दिग्विजय को षड्यंत्र का शिकार बताया तो जानना सरल हो गया कि 2003 से 2018 तक अपने लिए पूरे मध्यप्रदेश में कोई सुरक्शित सीट नहीं मिली अत: वह राज्यसभा के रास्ते संसद भवन कि सीढ़ियाँ चढ़ते रहे। परन्तु कमाल नाथ और सिंधियाके द्वारा उन्हे विश्वास दिला दिया गया है कि लोग भाजपा से नाराज़ हैं जिनहोने कांग्रेस को विधान सभा में जीत दिलाई है तो अब लोक सभा में समीकरण और भी पक्ष में हैं। अत: दिग्विजय चुनावी रन में कूद पड़ें हैं। वैसे भी बिना चुनाव लड़े राजनीति में डेढ़ दशक तक सत्ता शीर्ष में रहना भी एक कला है जो दिग्विजय सिंह को ही आती है। अब उन्हे चुनाव लड़ने ही पड़ेगा।

भोपालः भाजपा की गढ़ कही जाने वाली भोपाल लोकसभा सीट पर दिग्विजय पर दाब लगाकर कांग्रेस ने सबको चौंका दिया है. वहीं भाजपा को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर वह कौन है जो दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव लड़कर भाजपा को जीत दिला सकता है. ऐसे में जहां पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर पहले ही दिग्विजय सिंह को चुनौती दे चुके हैं और भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं तो वहीं भाजपा के ही एक अन्य नेता ने दिग्गी राजा के खिलाफ चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है. भाजपा के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय ने पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है.

इंदौर में दहाड़ लागते हुए आज कैलाश विजयवर्गीय ने दिग्विजय के खिलाफ चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर करके भाजपा की राह आसान कर दी है. बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने दिग्विजय सिंह को चुनौती देते हुए कहा कि ”पार्टी कहेगी तो भोपाल से लड़ने को तैयार हूं. दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने में मजा आएगा. बता दें इंदौर में कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय ने खुले शब्दों में कहा है कि मुझसे पूछा गया तो मैं भोपाल से लडूंगा और दिग्विजय के खिलाफ लड़ने में मजा आएगा.”

उन्होंने आगे कहा कि ”दिग्विजय तो भोपाल से चुनाव लड़ना ही नहीं चाहते थे, वह तो सुरक्षित सीट ढूंढ रहे थे, जो हमेशा दुसरों को फंसाता रहा, वह खुद कमलनाथ और सिंधिया के षड्यंत्र में फंस गया है. दिग्विजय को भोपाल से हराना ही है.” वहीं कमलनाथ के मंत्री जीतू पटवारी के चुनाव लड़ने पर भी कैलाश ने बोला हमला बोला है और कहा कि ”एमपी की सरकार जाने वाली है इसलिए उनके सरकार के मंत्री सासंद बनना चाहते हैं. सरकार जाने के बाद मंत्री पद तो रहेगा नहीं इसलिए सांसद बनना चाहते हैं” वहीं इंदौर से सुमित्रा महाजन का नाम होल्ड करने के सवाल पर कहा, 25 तक मध्यप्रदेश की सारी सीटें तय हो जाएगी.