अपनी बहिन रोबिया मुफ़्ती को अगुआ करने वाले और घाटी में अमन केसबसे बड़े दुश्मन यासीन मालिक जिसके सर पर हजारों बेगुनाहों के कत्ल की साजिश रचने के अरूप हैं, जिसने 4 वायु सेना के अधिकारियों को सर-ए-आम मारा था और घाटी में हिन्दू पलायन के मुख्य कारक यासीन के आतंकवादी संगठन पर जब केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाया गया तब महबूबा मुफ़्ती बिलबिला गईं उनकी भाषा देख लगता है कि जब उनके पिता भारत के गृह मंत्री थे तब उनकी बहिन का अपहरण मात्र एक ढकोसला था नाटक था, वह घाटी के हुक्मरानों का भारत के खिलाफ खूनी षड्यंत्र आरंभ करने का खेल मात्र था।
श्रीनगर:
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा कि यासीन मलिक के नेतृत्व वाले जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट पर प्रतिबंध एक “हानिकारक कदम” है जो कश्मीर को एक खुली जेल में बदल देगा. अधिकारियों ने नई दिल्ली में बताया कि संगठन पर जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियों को कथित तौर पर बढ़ावा देने को लेकर प्रतिबंध लगाया गया है. महबूबा मुफ्ती ने एक ट्वीट में कहा, “ऐसे हानिकारक कदमों से कश्मीर सिर्फ खुली जेल में तब्दील होगा.”
उन्होंने बताया कि सुरक्षा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद संगठन को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्रतिबंधित किया गया है और केंद्र की राय है कि जेकेएलएफ “आतंकी संगठनों के संपर्क में है” तथा जम्मू-कश्मीर व अन्य जगहों पर उग्रवाद और आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है.
मुफ्ती ने कहा, “जम्मू कश्मीर मुद्दे के हल के लिये यासीन मलिक ने काफी समय पहले हिंसा की आलोचना की थी. तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेयी जी की वार्ता पहल में उन्हें एक पक्षकार के तौर पर देखा गया था. उनके संगठन पर प्रतिबंध से क्या हासिल होगा?”
जेकेएलएफ पर आतंकवाद रोधी कानून के तहत प्रतिबंध लगाया गया
बता दें कि
केंद्र सरकार ने यासीन मलिक के नेतृत्व वाले जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट
(जेकेएलएफ) को शुक्रवार को आतंकवाद विरोधी कानून के तहत प्रतिबंधित कर दिया है.
अधिकारियों ने बताया कि संगठन पर जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियों को कथित
तौर पर बढ़ावा देने के लिए प्रतिबंध लगाया गया है.
उन्होंने बताया कि संगठन को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्रतिबंधित किया गया है. इसके प्रमुख यासीन मलिक गिरफ्तार हैं और फिलहाल वह जम्मू की कोट बलवल जेल में बंद हैं. यह जम्मू-कश्मीर में दूसरा संगठन है जिसे इस महीने प्रतिबंधित किया गया है. इससे पहले, केंद्र ने जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर पर प्रतिबंध लगा दिया था.