Wednesday, December 25

अभी कल तक कर्नाटक में कांग्रेस के सहयोग से बनी जेडीएस की सरकार के प्रवक्ता रहे और टीवी पर भाजपा के खिलाफ मोर्चा संभाले हुए तेज़ तर्रार नेता ‘दनिश अली’ अभ बीएसपी में शामिल हो चुके हैं। पार्टी बदली है तेवर नहीं बस यहाँ उन्हे भाजा के साथ साथ पुराने साथी कांग्रेस के खिलाफ भी कुछ कहना होगा। चलो देखते हैं क्या होता है?

नई दिल्‍ली : जनता दल (सेक्‍युलर) यानी जेडीएस के महासचिव दानिश अली ने पार्टी छोड़कर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का दामन थाम लिया है. दानिश अली लखनऊ में शनिवार को आयोजित एक कार्यक्रम में बसपा में शामिल हुए. उन्‍हें सतीश चंद्र मिश्रा ने पार्टी ज्‍वाइन कराई. सूत्रों के हवाले से यह भी कहा जा रहा है कि बसपा प्रमुख मायावती दानिश अली को यूपी के अमरोहा से बतौर प्रत्‍याशी चुनावी मैदान में उतार सकती हैं. बता दें कि दानिश अली ने हाल ही में कांग्रेस और जेडीएस के बीच हुए गठबंधन कराने में अहम भूमिका निभाई थी.

बसपा का दामन थामने के बाद दानिश अली ने कहा कि जब मैं जेडीएस में भी था तो मैंने कभी किसी चीज के लिए नहीं कहा. जेडीएस प्रमुख एचडी देवेगौड़ा जी ही यह निर्णय लेते थे कि मुझे क्‍या काम करना है. मैं एचडी देवेगौड़ा जी की शुभकामनाएं और अनुमति लेकर ही यहां आया हूं. बहन जी (मायावती) मुझे जो भी जिम्‍मेदारी सौंपेंगी, उसे मैं निभाऊंगा.

13 मार्च को दानिश अली और कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी के बीच कोच्चि में अहम बैठक हुई थी. इसमें लोकसभा चुनाव में जेडीएस और कांग्रेस के गठबंधन पर मुहर लगी थी. इसके तहत कर्नाटक में कांग्रेस 20 और जेडीएस आठ सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी. बता दें कि इस गठबंधन पर पिछले काफी दिनों से खींचतान चल रही थी. दोनों पार्टियों के बीच बातचीत सफल नहीं हो पा र‍ही थी. 2018 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस और जेडीएस ने एक-दूसरे के खिलाफ लड़ा था. लेकिन चुनाव नतीजे में त्रिशंकु रहने पर दोनों दलों ने सरकार बनाने के लिए हाथ मिला लिया.