सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से आ रहीं सूचनाओं के अनसार पाकिस्तान गुपचुप तरीके से चुनावों के दौरान भारत में अस्थिरता का माहौल बनाने की या फिर एक बड़ा युद्ध थोपने का दु:साहस कर सकता है। ऐसे में हमारी सुरक्षा एजेंसियों को चक चौबन्द रहने का आदेश और सीमा पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही की छूट दे दी गयी है। साथ ही कूटनीतिक प्रयासों में और तेज़ी लायी गई है।
सुषमा स्वराज ने कहा,‘मुझे विदेश मंत्रियों के कॉल आते हैं, जो सबसे पहले पुलवामा हमले पर शोक प्रकट करते हैं फिर एकजुटता प्रकट करते हैं और इसके बाद वे धीरे से कहते हैं कि हमें लगता है भारत स्थिति को नहीं खराब करेगा.’
नई दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को कहा कि पुलवामा हमले के बाद उन्होंने कई देशों को अवगत करा दिया कि भारत, पाकिस्तान के साथ हालात को बिगड़ने नहीं देगा लेकिन उस देश से कोई भी हमला हुआ तो वह चुप नहीं रहेगा.
मोदी सरकार की विदेश नीति पर एक थिंक टैंक को संबोधित करते उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को चिंता है कि भारत स्थिति को खराब करेगा और इस मुद्दे पर कई विदेश मंत्रियों के साथ उनका संवाद हुआ.
उन्होंने कहा,‘मुझे विदेश मंत्रियों के कॉल आते हैं, जो सबसे पहले पुलवामा हमले पर शोक प्रकट करते हैं फिर एकजुटता प्रकट करते हैं और इसके बाद वे धीरे से कहते हैं कि हमें लगता है भारत स्थिति को नहीं खराब करेगा.’
यह भी: चुनाव के दौरान भारत पर बड़ा युद्ध थोप सकता है पाकिस्तान
स्वराज ने कहा,‘इस पर मेरा जवाब रहता है – नहीं. मैं आपको आश्वस्त करती हूं कि भारत स्थिति को नहीं खराब करेगा लेकिन कोई भी आतंकी हमला हुआ तो हम चुप नहीं बैठेंगे क्योंकि पुलवामा हमले को हम अपनी नियति नहीं कह सकते.’
‘हम आतंकवाद पर बात नहीं चाहते, हम उस पर कार्रवाई चाहते हैं’
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि पाकिस्तान जब तक अपनी जमीन से चल रहे आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता तब तक भारत की उससे कोई बातचीत नहीं हो सकती । उन्होंने ‘बातचीत व आतंकवाद के साथ-साथ नहीं चलने’ पर जोर दिया।
‘इंडियाज वर्ल्ड: मोदी गवर्नमेंट्स फॉरेन पॉलिसी’ पर बातचीत में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को आईएसआई और अपनी सेना पर नियंत्रण करने की जरूरत है जो बार-बार द्विपक्षीय रिश्तों को बर्बाद करने पर तुले हैं। उन्होंने कहा, ‘हम आतंकवाद पर बात नहीं चाहते, हम उस पर कार्रवाई चाहते हैं। आतंक और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते।’