Saturday, December 28

पाकिस्तान जाने वाली नदियों के पानी से पंजाब और राजस्थान में होगी सिंचाई

पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारत की कार्रवाई लगातार जारी है. बालाकोट में आतंकी कैम्पों में हवाई हमले, पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लेने के बाद अब भारत ने पाकिस्तान पर पानी से प्रहार किया है. भारत ने पाकिस्तान जाने वाली नदियों का पानी रोकने का ऐलान किया हैं. केंद्रीय जल संसाधन राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा कि पाकिस्तान की ओर जाने वाली तीन नदियों का पानी भारत ने रोक दिया है.


a file foto of arjun meghval

राजस्थान में बीकानेर पहुंचे केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल मेघवाल ने बताया कि पाकिस्तान में बहने वाली पूर्वी नदियों के 0.53 मिलियन एकड़ फीट पानी को रोक दिया गया है और इसे संग्रहित किया गया है. जब भी राजस्थान या पंजाब को इसकी जरूरत होगी, उस पानी का उपयोग पीने और सिंचाई के लिए किया जा सकता है.

14 फरवरी को पुलवामा अटैक के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान मारे गए थे. हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी. इसके बाद भारत ने पाकिस्तान की ओर जाने वाली तीन नदियों ब्यास, रावी और सतलज का अपने हिस्से का पानी रोकने की बात कही थी.

पुलवामा हमले के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की थी कि सिंधु समझौते के तहत भारत अपने हिस्से का पानी पाकिस्तान जाने से रोक देगा. केंद्र सरकार का यह कदम 1960 की सिंधु जल संधि का उल्लंघन नहीं करता है, क्योंकि भारत ने केवल अपने हिस्से के पानी को रोका है. भारत अपने हिस्से के पानी का उपयोग करने का हकदार है.

भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में सिंधु जल समझौता हुआ था. यह समझौता पूर्व की ओर बहने वाली नदियों- ब्यास, रावी और सतलज के पानी के प्रयोग के लिए हुआ है. इस समझौते के तहत भारत को 3.3 करोड़ एकड़ फीट (एमएएफ) पानी मिला है, जबकि पाकिस्तान को 80 एमएएफ पानी दिया गया है. यहां इस बात पर विवाद है कि इस संधि के तहत पाकिस्तान को भारत से अधिक पानी मिलता है, जिससे यहां सिंचाई में भी इस पानी का सीमित उपयोग हो पाता है. केवल बिजली उत्पादन में इसका अबाधित उपयोग होता है. साथ ही भारत पर परियोजनाओं के निर्माण के लिए भी सटीक नियम बनाए गए हैं.