Sunday, December 29

कांग्रेस पार्टी में पदाधिकार न होना एक बड़े फाड़े का सौदा भी है, या यूं कहें की कांग्रेस के कुछ नेता इसी आम के लिए हैं की वह राष्ट्र ‘अहित’ में कुछ भी कहें पार्टी उन्हे पदाधिकारी न होने का फाइदा पहुँचती है या फिर उनसे अपने कुत्सित विचार फैलाने का फायदा लेती है। ऐसा ही मामला बीके हरिप्रसाद का भी है।

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद के एक बयान को लेकर गुरुवार को विवाद हो गया जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि पुलवामा आतंकी हमला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच ‘मैच फिक्सिंग’ का नतीजा है. बीजेपी ने इस बयान को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है. 

हरिप्रसाद ने कहा, “पुलवामा हमले के बाद के घटनाक्रम पर यदि आप नजर डालेंगे तो पता चलता है कि यह पीएम नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच मैच फिक्सिंग थी. जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने खुले तौर पर स्वीकार किया है कि यह पुलवामा में हुई खुफिया जानकारी की विफलता है.” हरिप्रसाद यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि “केंद्रीय मंत्री रविशंकर को स्पष्ट करना चाहिए कि पीएम मोदी और इमरान खान के बीच क्या मैच फिक्सिंग थी. उनकी जानकारी के बिना पुलवामा का आतंकी हमला नहीं हो सकता.”  

इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने पुलवामा हमले को ‘दुर्घटना’ बताया था जिससे बड़ा विवाद खड़ा हो गया था. केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने हरिप्रसाद के बयान को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि यह सब राहुल गांधी के इशारे पर हो रहा है.

प्रसाद ने कहा, “कांग्रेस इतना गिर जाएगी, इसकी कल्पना हमने नहीं की थी. इनका कहने का क्या मतलब है कि भारत एक आंतकवादी देश है. कांग्रेस के महासचिव ने देश का अपमान किया देश की सेना का अपमान किया. हम ये भी नहीं कहेंगे की वो माफ़ी मांगे, ऐसे लोगो को भारत की जनता जवाब देगी. मैं इसकी निंदा करता हूं.” 

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “कांग्रेस पार्टी का अब राहुल गांधी की अगवाई में कोई भविष्य नहीं है. दो दिन पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी ने कहा था कि सभी राजनीतिक पार्टियां इमरान खान के साथ हैं लेकिन भारत में ऐसा नहीं है.” उधर, कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने इस मसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “बीके हरिप्रसाद ने जो भी कहा है कि वो कांग्रेस पार्टी का स्टैंड नहीं है, वो पार्टी पदाधिकारी/प्रवक्ता नहीं हैं तो कार्रवाई करने का कोई मामला नहीं बनता.”