अशोक खेमका उत्तर भारत खासकर हरियाणा में कोई नया नाम नहीं हैं। हरियाणा के सीनियर आईएएस अपनी ईमानदारी, बेबाकी और कर्तव्यनिष्ठा के रहते सुर्खियों में आते रहे हैं। उनके 27 साल के करियर में यह उनकी 54वी बदली है। इससे यही बात समझ में आती है की महकमा कोई भी हो, हरियाणा का कोई भी विभाग भ्रष्टाचार से मुक्त नहीं है। सरकारें बदलतीं गईं लेकिन खेमका का मिजाज और कार्यशैली वही रही। सरकारें बादल जातीं हैं लेकिन उच्च अधिकारी वहीं रहते हैं जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। अपने पुराने कुकृत्यों को छुपाने के लिए एक कर्मठ और ईमानदार अफसर को अपना बिस्तरबंद हमेशा तैयार ही रहना पड़ता है और कई बार तो नयी नियुक्ति के पश्चात उसे खोलने की भी नौबत नहीं आती।
हरियाणा के IAS अधिकारी अशोक खेमका एक बार फिर अपने ट्रांसफर के चलते वह सुर्खियों में आ गए हैं. दरअसल हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने 1991 बैच के अशोक खेमका सहित 9 आईएएस अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया है. सूत्रों के अनुसार सरकार की तरफ से तबादले और तैनाती के आदेश बीते विवार रात जारी किए गए. अशोक खेमका को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग में प्रधान सचिव के पद पर ट्रांसफर किया गया है.
बता दें, अशोक खेमका 1991 बैच के अधिकारी हैं. अशोक खेमका के करियर को 27 साल हुए हैं. 27 साल के करियर में अशोक खेमका का यह 52वां ट्रांसफर है. इससे पहले बीते साल नवंबर में अशोक खेमका को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के प्रधान सचिव पद से हटाकर खेल एवं युवा मामले विभाग में तैनात किया गया था. आईएएस अधिकारी अशोक खेमका के 27 साल के करियर में यह उनका 52वां ट्रांसफर है. इससे पहले 51वें तबादले के बाद परेशान होकर उन्होंने कहा था, अब तो लगता है कि जैसे भेजा फ्राई हो गया है. 1991 बैच के अधिकारी खेमका को लगभग 15 महीने पहले खेल और युवा मामलों के विभाग में तैनात किया गया था.
आईएएस अधिकारी खेमका का नाम 2012 में चर्चा में आया था, जब उन्होंने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति राबर्ट वाड्रा की कंपनी और रीयल एस्टेट कंपनी डीएलएफ के बीच हुए जमीन सौदे को रद्द कर दिया था. स्थानांतरित किए गए अन्य आईएसएस अधिकारियों में अमित झा, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान के अतिरिक्त मुख्य सचिव, हरियाणा सरस्वती हेरिटेज बोर्ड के सलाहकार और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव शामिल हैं.