पाकिस्तान पर हमले से तिलमिलाए घाटी के नेता
- पाकिस्तान परस्त अलगाववादी महबूबा मुफ़्ती, सोज़ और अब्दुल्लाह खान दान काफी तिलमिला गये हैं. ‘ मोदी क्या कर लेगा’ / ‘इमरान विचार करेंगे’ यही फर्क है सोच में
- ‘अब पीएम इमरान खान इस पर विचार करेंगे कि ‘पाकिस्तान जबाव दे या नहीं. देखना यह है कि वह किस तरह की प्रतिक्रिया देंगे? कहां प्रतिक्रिया देंगे? क्या भारत पाकिस्तान की प्रतिक्रिया पर करारा जवाब देगा.’ ओमर अब्दुल्लाह
भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों के पाकिस्तान के क्षेत्र में अंदर जाकर आतंकी शिविरों को ध्वस्त करने के बाद कश्मीर में मंगलवार को तनाव की स्थिति पैदा हो गई.
पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्र में भारतीय वायुसेना द्वारा आज तड़के किए गए हमले को लेकर श्रीनगर और घाटी के अन्य बड़े शहरों के निवासियों को छोटे छोटे समूहों में बातचीत करते हुए देखा गया.
भारत और पाकिस्तान के बीच सभी युद्धों को देखने वाले अब्दुल गनी डार (80) ने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि यह यहीं समाप्त हो जाएगा और इसमें वृद्धि नहीं होगी. यदि शत्रुता में वृद्धि होती है तो इससे नियंत्रण रेखा के दोनों ओर रह रहे लोग सबसे अधिक प्रभावित और पीड़ित होंगे.’
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सहित कई लोगों ने दो परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच एक पूर्ण युद्ध की संभावना को लेकर सोशल मीडिया पर अपना डर व्यक्त किया है.
अब्दुल्ला ने ट्वीटर हैंडल पर लिखा है, ‘अब पीएम इमरान खान इस पर विचार करेंगे कि ‘पाकिस्तान जबाव दे या नहीं. देखना यह है कि वह किस तरह की प्रतिक्रिया देंगे? कहां प्रतिक्रिया देंगे? क्या भारत पाकिस्तान की प्रतिक्रिया पर करारा जवाब देगा.’
सरकार ने पिछले सप्ताह अलगाववादियों और जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर कैडर पर कारवाई शुरू की थी जिसके बाद कश्मीर के निवासियों ने जरूरत का सामान जमा करना शुरू कर दिया.
घाटी में अर्द्धसैनिक बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती के बाद यह कार्रवाई हुई है.
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने रविवार को लोगों की इस आशंका को दरकिनार कर दिया था कि यह मात्र चुनाव से जुड़ी कार्रवाई है और उन्हें दहशत में आने की जरूरत नहीं है.
इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि एनआईए ने कुछ शीर्ष अलगावादी नेताओं और उनके प्रति सहानुभूति रखने वालों के घरों पर छापेमारी के बाद सुरक्षा बलों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है.
अधिकारी उम्मीद कर रहे हैं कि छापेमारी के विरोध में प्रदर्शन होंगे जिसके कारण शहर के संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है.
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