Saturday, March 15

दिल्ली की एक अदालत ने हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ 10 करोड़ रुपए से ज्यादा की अघोषित संपत्ति रखने और आपराधिक कदाचार के आरोप तय किए. इसके बाद मामले में उनके खिलाफ मुकदमा शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है. सिंह ने बेगुनाह होने का दावा किया और कहा कि वह दोष कबूल करने के बजाय इस मामले में मुकदमे का सामना करेंगे.

अदालत ने मामले में सीबीआई के जरिए गवाहों के बयान दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए 3, 4 अप्रैल की तारीख तय की. सुनवाई के दौरान वीरभद्र और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह ने मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में पेश होने से स्थाई रूप से छूट की मांग करते हुए याचिका दाखिल की. दोनों अदालत में उपस्थित थे. अदालत ने सीबीआई से उनकी याचिका पर अगली सुनवाई के वक्त जवाब देने को कहा.

एक अलग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वीरभद्र सिंह के खिलाफ धनशोधन के एक प्रकरण में तीसरा पूरक आरोपपत्र दायर किया. अदालत ने कहा कि वह मामले को 18 मार्च को लेगी. ईडी का पूरक आरोपपत्र विशेष लोक अभियोजक नितेश राणा और एन के मट्टा के मार्फत दायर किया गया.