मूर्तियों पर खर्च हुए सार्वजनिक धन को मायावती को वापिस करना चाहिए : सर्वोच्च नयायालय
नोएडा में लगी हाथी की मूर्तियों के मामले में सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने मायावती पर सख्त टिप्पणी की
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीएसपी प्रमुख मायावती की मुश्किलें और बढ़ती नजर आ रही हैं. दरअसल नोएडा में लगी हाथी की मूर्तियों के मामले में सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने मायावती पर सख्त टिप्पणी की. उन्होंने मायावती के वकील को कहा कि अपने क्लाईंट को बता दीजिए की उन्हें मूर्तियों पर खर्च पैसे को सरकारी खजाने में वापस जमा कराना चाहिए. CJI ने इस मामले में कहा- हमारा प्रारंभिक विचार है कि मायावती को मूर्तियों का सारा पैसा सरकारी खजाने को भुगतान करना चाहिए.
वहीं मायावती की ओर से वकील सतीश मिश्रा ने कोर्ट से गुजारिश की कि इस केस की सुनवाई अब मई के बाद हो लेकिन चीफ जस्टिस ने ऐसा करने से साफ मना कर दिया. उन्होंने कहा, हमें कुछ और कहने के लिए मजबूर न करें. अब इस मामले में 2 अप्रैल 2019 को सुनवाई होगी. आपको बता दें सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर सुनवाई कर रहा है कि क्या मायावती और बीएसपी चुनाव चिन्ह की मूर्तिर्यों के निर्माण पर हुए खर्च को बीएसपी से वसूला जाए या नहीं.
याचिकाकर्ता रविकांत ने मायावती और बीएसपी चुनाव चिन्ह की मूर्तिर्यों के निर्माण पर सरकारी खजाने खर्च करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट से मांग की कि मूर्ति निर्माण पर हुए करोड़ों के खर्च को बीएसपी से वसूला जाए. याचिकाकर्ता रविकांत ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि सरकारी धन को इस तरह नहीं खर्च किया जा सकता. सरकार की कार्रवाई अनुचित थी और इस पर सुनवाई होनी चाहिए. बता दें कि रविकांत ने साल 2009 में सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर मूर्ति निर्माण पर हुए करोड़ों के खर्च को बीएसपी से वसूलने की मांग की थी.
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