असंतुष्ट ईडी ने की वडरा से की 10 घंटे पूछताछ, शनिवार को फिर होंगे पेश

नई दिल्ली: रॉबर्ट वाड्रा गुरुवार को लगातार दूसरे दिन धन शोधन मामले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए. वाड्रा का सुमित चड्ढा के साथ आदान-प्रदान किए उनके ई-मेल से सामना कराया गया. सुमित चड्ढा, भगोड़े हथियार सौदागर संजय भंडारी का संबंधी है. रॉबर्ट वाड्रा से करीब 10 घंटे तक पूछताछ हुई. रात साढ़े 9 बजे के करीब ये पूछताछ खत्म हुई. रॉबर्ट वाड्रा को लेने के लिए खुद प्रियंका गांधी वाड्रा ईडी ऑफिस पहुंचीं. सूत्रों के अनुसार, शनिवार को सुबह साढ़े दस बजे रॉबर्ट वाड्रा को फिर से पूछताछ के लिए जाना होगा.

ईडी सूत्रों ने कहा कि रॉबर्ट वाड्रा से लंदन की संपत्ति के संदर्भ में सुमित चड्ढा के साथ आदान-प्रदान किए गए ईमेल के बारे में पूछताछ की गई. वाड्रा के दोपहर के भोजन के लिए जाने से पहले दो घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की गई. यह मामला विदेश में 19 लाख पाउंड्स की अघोषित संपत्ति के स्वामित्व से जुड़ा हुआ है, जो कथित तौर पर वाड्रा की हैं. रॉबर्ट वाड्रा के करीबी सहयोगी मनोज अरोड़ा के खिलाफ धनशोधन का एक मामला दर्ज किया गया है.

रॉबर्ट वाड्रा ईडी के जामनगर कार्यालय से दोपहर बाद 1.30 बजे रवाना हो गए. वह करीब एक घंटे की देरी से सुबह 11.20 बजे पर ईडी के समक्ष पेश हुए. हालांकि, वाड्रा को ईडी के समक्ष सुबह 10.30 बजे पेश होने को कहा गया था. रॉबर्ट वाड्रा, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई हैं.

इससे पहले रॉबर्ट वाड्रा से बुधवार को पहली बार छह घंटों से ज्यादा समय तक पूछताछ की गई थी. पहले दिन के उलट व्यापारी रॉबर्ट वाड्रा दूसरे दिन की पूछताछ के लिए अपनी पत्नी प्रियंका वाड्रा के साथ नहीं पहुंचे. प्रियंका वाड्रा बुधवार को रॉबर्ट वाड्रा को ईडी कार्यालय छोड़ने आईं थी. ईडी ने 7 दिसंबर 2018 को जांच के तहत दिल्ली-एनसीआर व बेंगलुरू के कई परिसरों में तलाशी ली थी.

इससे पहले ईडी के वकील ने शहर की अदालत में कहा था कि लंदन की संपत्ति एक पेट्रोलियम सौदे में प्राप्त की गई रिश्वत का हिस्सा है. इस धन को भंडारी द्वारा नियंत्रित यूएई स्थित कंपनी एफजेडसी सनटेक इंटनेशनल ने स्थानांतरित किया था. अरोड़ा वाड्रा के स्काईलाइट हॉस्पिटलिटी एलएलपी का कर्मचारी है. अरोड़ा मामले में एक प्रमुख संदिग्ध है क्योंकि वह अपने नियोक्ता की खरीद व विदेशी निवेश के बारे में जानता है.

ऐसा संजय भंडारी के खिलाफ नए काला धन अधिनियम व कर कानून के तहत एक अन्य मामले की आयकर विभाग द्वारा जांच के दौरान मनोज अरोड़ा की भूमिका सामने आने के बाद धन शोधन का मामला दर्ज किया गया. लंदन की संपत्ति कथित तौर संजय भंडारी द्वारा खरीदी गई थी और इसके नवीनीकरण पर खर्च की गई अतिरिक्त राशि के बावजूद खरीदी गई राशि में 2010 में बेच दी गई.

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