Saturday, March 15

आतंकवाद के चलते घाटी छोड़ने वाले कश्मीरी हिंदूओं के लिए एक बड़ी खबर है, 90 के दशक में साढ़े लाख हिंदूओं को उनकी उस तमाम प्रॉपर्टी पर वापिस कब्ज़ा मिलेगा। जिसको इस्लामिक आतंकवाद के डर से घाटी छोड़ने से पहले उन्होंने कौड़ियों के दाम अपने मुस्लिम पड़ोसी को बेच दिया था।

सरकारी आंकडे के मुताबिक करीब डेढ लाख ऐसे कश्मीरी हिंदू हैं जिन्होंने अपने घर, जमीन, ऑफिस, दुकान, बिजनेस, फैक्ट्री, गाड़ियों जैसी प्रॉपर्टी औने-पौने दाम पर स्थानीय मुस्लिमों को बेच दी थी। हज़ारों मामले ऐसे भी थे, जिसमें स्थानीय मुस्लिमों में जबरन प्रॉपर्टी पर कब्ज़ा कर लिया था।

जान बचाने के लिए कश्मीरी हिंदू वो प्रॉपर्टी यूं ही छोड़ आये, जिसपर आज भी अवैध कब्जा बना हुआ है। लेकिन एक बड़ी योजना के तहत मोदी सरकार ने इस प्रॉपर्टी को वापिस कश्मीरी हिंदूओं को लौटाने के लिए एक योजना तैयार की है। जिसके तहत सबसे पहले उन प्रॉपर्टी के सौदों को खारिज़ किया जायेगा। जोकि 89-90 के दौरान बेची गयी थी।

 कैसे हो रही है इसकी तैयारी :

मोदी सरकार के एजवायज़री पैनल नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल सेक्रेटरिएट (NSCS) ने इस योजना को अमलीजामा पहनाने की तैयारी की है। एनएसए अजीत दोभाल की अध्यक्षता वाले इस एडवायजरी पैनल ने जम्मू कश्मीर सरकार से 89-90 में कश्मीरी हिंदूओं की अचल संपत्ति का ब्यौरा तैयार करने को कहा है।

इस कड़ी में पहले जम्मू कश्मीर सरकार एरिया-वाइज़ कश्मीरी हिंदू द्वारा बेची गयी अचल संपत्ति का ब्यौरा तैयार करेगी।

साथ ही एरिया-वाइज़ 1990 और अब जमीन स्वामित्व की डिटेल्स भी तैयार करने को कहा गया है।

इसके अलावा ऐसी प्रॉपर्टी का भी ब्यौरा मांगा गया है, जोकि जम्मू कश्मीर सरकार के अधीन है।

इस तमाम डिटेल्स का ब्यौरा मिलने के बाद ही इस जमीन को वापिस कश्मीरी हिंदूओं को लौटाने की योजना तैयार की जायेगी।

NSCS के अडिशनल सेक्रेटरी एसएम सहाय इस योजना को तैयार कर रहे हैं। जोकि जम्मू कश्मीर काडर आईपीएस हैं और एडिशनल डायरेक्टर जनरल पुलिस के पद पर जम्मू कश्मीर में कार्यरत रह चुके हैं।

कश्मीर के डिविजनल कमिश्नर को एसएम सहाय का आधिकारिक पत्र मिलने के बाद कश्मीर के तमाम डिप्टी कमिश्नरों को डिटेल्स तैयार करने का आदेश जारी कर दिया गया है।