केजरीवाल ने भीड़ न होने पर रद्द किया कार्यक्रम

अन्ना आन्दोलन के समय लाखों कि भीड़ में राजनैतिक चेहरों को मंच पर ना आने देने कि केजरीवाल कि जिद ने उन्हें लाखों का चाहेता बना दिया, वही केजरीवाल अब सियासत का वह सितारा है जो सिर्फ भीड़ के अँधेरे में ही उजागर होता है, यदि भनक भी पड़ जाए कि कार्यक्रम में जहां उनके तथाकथित कद के अनुसार भीड़ नहीं है तो वह उस कार्यक्रम का हिस्सा बनने से इन्कार कर देते हैं. आज का वाकया नजीर है उन लोगों के लिए जो अपनी मोहल्ला सियासत चमकाने के लिए हेलिकोप्टर नेताओं को आमंत्रित करते हैं.

हरियाणा के भिवानी में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का कार्यक्रम रद्द होने की सूचना मिलने पर कार्यक्रम आयोजक दयानंद गर्ग रोने लगे. इतना ही नहीं वे आयोजन स्थल पर ही धरने पर बैठ गए. गर्ग ने कहा कि केजरीवाल को किसी ने सूचना दी कि कार्यक्रम स्थल पर भीड़ नहीं है, कुर्सियां खाली पड़ी हुई हैं. इसके बाद केजरीवाल ने कार्यक्रम में आने से मना कर दिया है.

दयानंद गर्ग और उनके सहयोगियों ने भिवानी की नई अनाज मंडी में बुधवार को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को ‘अभिभावक सम्मेलन’ में मुख्यातिथि के रूप में आमंत्रित किया था. इसके लिए आयोजकों की ओर से दोपहर साढे 12 बजे का समय निर्धारित किया गया था. सुबह करीब 11 बजे से ही लोग आयोजन स्थल पर जुटने लगे. लेकिन जब अरविंद केजरीवाल के कार्यक्रम में नहीं पहुंचने की सूचना कार्यक्रम संयोजक को लगी तो वे फूट-फूट कर रोने लगे.

शिक्षा, स्वास्थ्य और सहयोग संगठन की तरफ से आयोजित इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए केजरीवाल ने हामी भरी थी. इसके बाद आयोजकों ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पूरी मेहनत की. लेकिन इस कार्यक्रम में भीड़ कम होने के कारण केजरीवाल ने कार्यक्रम में पहुंचने से मना कर दिया. दयानंद गर्ग ने कहा कि इस आयोजन को सफल बनाने और केजरीवाल के स्वागत के लिए मैंने ब्याज पर रुपए लिए हैं. लेकिन केजरीवाल के नहीं आने से उनका पैसा डूब गया और सम्मान को ठेंस पहुंची है.

भीड़ कम होने के कारण नहीं पहुंचे केजरीवाल

दयानंद गर्ग ने कहा कि हमने तो दिल्ली के सीएम का शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में किए गए कार्यों को देखते हुए उनको बुलाया था. यह कोई राजनितिक कार्यक्रम नहीं था. गर्ग ने कहा कि वे तबतक अनशन से नहीं उठेंगे जबतक दिल्ली के सीएम यहां नहीं आते हैं.

दयानंद के सहयोगी रमेश ने कहा कि अगर केजरीवाल को नहीं आना था तो वे पहले ही मना कर देते. कम से कम उन्हें निराश तो नहीं होना पड़ता. उन्होंने कहा कि इस कार्यकम में भीड़ जुटाने के लिए आप पार्टी के कार्यकर्ता तक गाड़ियों के पैसे तक लेकर गए हैं. हमने इसे सफल बनाने के लिए पूरा प्रयास किया और लाखों रुपए खर्च किए, लेकिन केजरीवाल ने सब पर पानी फेर दिया.

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