केरल के बहुचर्चित सबरीमाला मंदिर में दर्शन करने वाली दो महिलाओं में से एक को समाज के बाद अब परिवार के विरोध का सामना करना पड़ रहा है. कनक दुर्गा नाम की महिला ने हाल ही में तमाम धमकियों को दरकिनार करते हुए सबरीमाला मंदिर के दर्शन किए थे. जिसके बाद परिवार ने उन्हें घर में एंट्री देने से मना कर दिया है. ऐसे में उन्हें एक संस्था की ओर से शेल्टर होम भेजा गया है.
लगातार मिल रही थीं धमकियां
44 वर्षीय कनक दुर्गा ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस महीने की शुरुआत में बिंदू नाम की महिला के साथ सबसे पहले सबरीमाला मंदिर जाकर भगवान अयप्पा के दर्शन किए थे. जिसके बाद उन्हें एक तरफ परिवार के विरोध और गुस्से का सामना करना पड़ रहा था. वहीं, दूसरी ओर दक्षिणपंथी विचाधारा के प्रदर्शनकारियों से लगातार धमकियां मिल रही थीं. इन्हीं धमकियों के मद्देनजर वह पिछले दो हफ्तों से छिपी हुई थीं.
दर्शन कर जब घर लौटीं तो सास ने किया था हमला
15 जनवरी की सुबह जब वह अपने घर पहुंचीं, तो उसकी सास ने उसके सिर पर वार कर दिया. फिर घरवालों ने एंट्री देने से इनकार कर दिया. खबर के मुताबिक, सास की पिटाई से कनक दुर्गा को काफी चोटें आईं, अस्पताल में उनका इलाज भी चला. कनक दुर्गा के भाई भारत भूषण का कहना है कि उसे तब तक घर में दाखिल होने नहीं दिया जाएगा, जब तक कि वो अयप्पा भक्तों और हिंदू समुदाय से माफी नहीं मांग लेती.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हो रहे हैं विरोध प्रदर्शन
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल एक बड़ा फैसला देते हुए 10 से 50 साल की महिलाओं के सबरीमाला में प्रवेश की पाबंदी को असंवैधानिक करार देते हुए इस प्रतिबंध को हटा दिया था. हालांकि, शीर्ष अदालत के आदेश के बाद भी हिंदू संगठन और मंदिर प्रशासन इस फैसले को लागू करने से बच रही है. मंदिर में महिलाओं की एंट्री का पूरजोर विरोध किया जा रहा है. इसके लिए बीते दिनों केरल बंद भी रखा गया था.