क्षेत्रीय राजनीतिक मजबूरियों की बिसात है ममता की महारैली
लोकसभा चुनाव 2019 से पहले विपक्षी एकता का इसे प्रदर्शन माना जा रहा है. “क्षेत्रीय राजनीतिक मजबूरियों को इस प्रस्तावित रैली से जुड़े बड़े राजनीतिक उद्देश्यों में नहीं मिलाना चाहिए.” : टीएमसी
भाजपा से पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी गेगोंग अपांग और शत्रुघ्न सिन्हा भी शिरकत करेंगे
कोलकाता: उत्तर प्रदेश में बीजेपी के खिलाफ बने समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के गठबंधन के बाद कोलकाता में शनिवार को तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी की विपक्षी दलों की महारैली होने जा रही है. लोकसभा चुनाव 2019 से पहले विपक्षी एकता का इसे प्रदर्शन माना जा रहा है. यह रैली यहां ऐतिहासिक ब्रिगेड परेड मैदान में होगी. हालांकि, विपक्ष के कई नेता इस रैली में नजर नहीं आएंगे.
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव रैली में भाग लेंगे जबकि बसपा की ओर से पार्टी के वरिष्ठ नेता सतीश चंद्र मिश्रा के शिरकत करने की संभावना है. हालांकि बसपा सुप्रीमो मायावती खुद इस रैली में हिस्सा नहीं लेंगी. आरएलडी के अजीत सिंह और जयंत चौधरी भी मौजूद रहेंगे. वहीं, रैली में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे करेंगे.
उत्तर प्रदेश में नया चुनावी समीकरण बनाने वाली सपा और बसपा सहित सभी बड़ी विपक्षी पार्टियों की इस रैली में मौजूदगी काफी मायने रखती है. वहीं, कांग्रेस को भी यह लगता है कि विपक्ष की महारैली से उत्तर प्रदेश में राजनीतिक समीकरण के बारे में गलतफहमी नहीं होनी चाहिए. रैली का आयोजन कर रही तृणमूल कांग्रेस ने कहा, “क्षेत्रीय राजनीतिक मजबूरियों को इस प्रस्तावित रैली से जुड़े बड़े राजनीतिक उद्देश्यों में नहीं मिलाना चाहिए.”
इस रैली में जिन अन्य नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है, उनमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एवं जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं तेदेपा प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू शामिल हैं. इनके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला के भी शामिल होने की उम्मीद है. कांग्रेस से खड़गे और पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी रैली में भाग लेंगे.
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ – साथ एनसीपी प्रमुख शरद पवार, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी, पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, दलित नेता जिग्नेश मेवाणी और झारखंड विकास मोर्चा के बाबूलाल मरांडी भी मंच पर नजर आएंगे. मंगलवार को भाजपा छोड़ने वाले अरूणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री गेगोंग अपांग भी रैली में शामिल होंगे.
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