सीबीआई कोर्ट ने हरियाणा सरकार की अर्जी की मंजूर
हरियाणा सरकार ने किए सुरक्षा के चाकचौबंद प्रबंध
चंडीगढ़:
पत्रकार छत्रपति हत्याकांड में दोषी करार दिए गए डेरा मुखी गुरमीत राम रहीम व तीन अन्य को वीरवार को सजा का ऐलान कर दिया जाएगा। सजा का ऐलान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगा और इस तरह अदालती प्रक्रिया के इतिहास में यह पहला अवसर होगा जब किसी मामले में दोषियों को सजा का ऐलान में आईटी के एक बड़े टूल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का इस्तेमाल किया जाएगा।
अबतक तक व्यवस्था इस तरह की रही है कि किसी मामले में दोषियों को सजा के ऐलान के वक्त दोषी करार दिए गए लोगोें का कोर्ट में प्रत्यक्ष तौर पर रहना जरूरी होता है लेकिन, इस मामले में कोर्ट ने तमाम पहलुओं का बारिकी से विश्लेषण करने के बाद सजा के ऐलान के लिए नई व्यवस्था अपनाई है।
दरअसल, पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत ने बुधवार को इस संबंध में हरियाणा सरकार की अर्जी को मंजूर कर लिया और इससे हरियाणा सरकार के ऊपर से बड़ा संकट टल गया है। हरियाणा सरकार पिछले अनुभवों को सामने रखते हुए कोर्ट गई थी और अपील की थी कि पत्रकार छत्रपति हत्याकांड में दोषी करार दिए गए व्यक्तियों की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो। दरअसल, सरकार इस दफा किसी प्रकार का जोखिम नहीं उठाना चाहती थी।
इस तरह दोषी करार दिए गए गुरमीत राम रहीम, कृष्ण लाल, निर्मल सिंह और कुलदीप सिंह को पंचकूला की सीबीआई कोर्ट में प्रत्यक्ष तौर पर पेश करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इनमें से गुरमीत राम रहीम इस समय रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है जबकि अन्य तीनों अंबाला की सेंट्रल जेल में रखे गए हैं। इस तरह वीरवार को जिस समय सजा का ऐलान होगा तो आरोपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होंगे
कोर्ट ने गुरमीत राम रहीम तथा कृष्ण लाल को आईपीसी की धारा 120बी (आपराधिक साजिश रचने) व 302 के तहत मुल्जिम करार दिया है जबकि कुलदीप सिंह तथा निर्मल सिंह को आईपीसी की धारा 302 ( हत्या की सजा) तथा 120बी (आपराधिक साजिश) का दोषी करार दिया था। निर्मल सिंह को आर्म्स एक्ट 1959 के सेक्शन 25 तथा कृष्ण लाल को आर्म्स एक्ट 1959 के सेक्शन 29 के तहत भी दोषी करार दिया गया है।