- सपा-बसपा के गठबंधन को लेकर आजाद ने कहा- हमने गठबंधन नहीं तोड़ा, हम सबसे बात करने के लिए तैयार थे
- उन्होंने कहा- 2009 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उप्र में नम्बर 1 पार्टी बनी थी, इस बार दोगुनी सीटें जीतेंगे
- राहुल गांधी ने शनिवार को कहा था- हम यूपी में पूरे दम से लड़ेंगे
- माया अखिलेश तो वैसे भी अमेठी रायबरेली में चुनाव नहीं लड़ते, उनका सीट छोडना न छोडना एक बराबर है।
- कांग्रेस 80 सीटों पर इस लिए लड़ रही है क्योंकि अखिलेश माया का पता ही नहीं कि वह चुनाव लड़ भी रहे हैं कि नहीं।
समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन में शामिल न होने के बाद कांग्रेस ने अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है. रविवार को पार्टी प्रदेश मुख्यालय पर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी गुलाम नबी आजाद, प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर समेत प्रदेश के शीर्ष नेताओं ने बैठक की. इस दौरान गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हम कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पूरी शक्ति से अपनी विचारधारा का पालन करते हुए यह चुनाव लोकसभा लड़ेंगे और भारतीय जनता पार्टी को पराजित करेंगे. हम उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. हमारी तैयारी पूरी है. नतीजे चौंकाने वाले होंगे.
उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि संसद की लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस के बीच है. हम उन दलों का समर्थन जरूर लेंगे जो हमारी मदद करेंगे. इस लड़ाई में हम उन तमाम दलों का सम्मान करते हैं जो इस लड़ाई में आगे बढ़ेंगे. बीजेपी और कांग्रेस के बीच सिद्धांतों की लड़ाई है. यह कोई व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है यह भारत को एक रखने की लड़ाई है. देश मजबूत तब होगा जब सरकार पर सभी समुदाय, सभी वर्गों का विश्वास और भरोसा हो. पार्टी वह होती है जो अपनी पार्टी का नुकसान झेल ले, लेकिन राष्ट्र का नुकसान ना झेले.
गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस के इतिहास को बताते हुए कहा कि लोगों ने कुर्बानियां देकर भारत को स्वतंत्र कराया है. आजादी के बाद पहली कांग्रेस सरकार ने सबसे पहला काम सैकड़ों टुकड़ों में बंटे देश को इकट्ठा करके भारत बनाने का किया. पंडित नेहरू की सरकार ने संविधान बनाया और सभी धर्मों को बराबर अधिकार दिए. उन्होंने कहा कि हमने आजादी से पहले भी किसानों, दलितों, गरीबों, महिलाओं के लिए काम किया और आजादी के बाद भी हमने उन्हें बुनियादी सुविधाओं के साथ सामाजिक अधिकार दिया.
सवाल: मायावती ने कहा कि कांग्रेस के साथ गठबंधन करना बेकार है?
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हर आदमी का अपना विचार होता है और मैं किसी का विचार नहीं बदल सकता हूं। यह बात हमारे संविधान में भी है कि हर आदमी को विचार रखने की छूट है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का इतिहास रहा है और अगर किसी की पार्टी का है तो वह भी बताएं। वह बताएं कि वर्ष 85 से उनकी पार्टी कहां थी और उनका क्या योगदान है।
सवाल: क्या शिवपाल और अजित सिंह के साथ गठबंधन करेंगे?
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमारी पार्टी तीन-चार सालों से कह रही है बीजेपी को हराने के लिए जो दल हमारे साथ आना चाहता है उसका स्वागत है। उन्होंने कहा कि कोई पार्टी गठबंधन में आना चाहती है तो उसका स्वागत है। एलान के बाद पार्टियां खुद से आती है और ये बातें मीडिया से नहीं होती है।
सवाल: क्या माया और अखिलेश चुनाव लड़ेंगे तो कांग्रेस उम्मीदवार उतारेगी?
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि रायबरेली औँर अमेठी में सपा-बसपा वैसे भी उम्मीदवार नहीं उतारती है। उन्होंने कहा कि अभी तो यह भी नहीं पता है कि मायावती और अखिलेश यादव लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे या नहीं।
सवाल: आपको तीसरे मोर्चो की संभवाना लगती है और ऐसा हुआ तो प्रधानमंत्री कौन होगा?
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पहले बीजेपी चुनाव हार जाए फिर दखेंगे। उन्होंने कहा कि अगर कोई चेहरा प्रधानमंत्री के समकक्ष होगा तो फिर देखेंगे।
सवाल: मायावती ने कहा है कि अगर EVM पर सवाल उठे तो आंदोलन करेंगे? इसमें आपका क्या स्टैंड है?
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हम कई साल कह रहे हैं और ईवीएम में शिकायतें मिल रही है। हम शिकायत लेकर चुनाव आयोग के पास भी गए। हमारी तो मांग है कि 30 प्रतिशत चुनाव बैलेट पेपर से होने चाहिए।
भाजपा पर किसानों का उत्थान न करने का आरोप लगाते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने जो वादे किए थे, वह हमने पूरे किए. कर्नाटक, पंजाब, मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में किसानों का कर्ज माफ किया.
एक बात तो तय है कि सभी दल पूरे दम खम से अपनी अपनी लड़ाई लड़ेंगे लेकिन ज्यों ही नतीजे आएंगे तो यही एक दूसरे के खिलाफ लड़ने वाले चुनाव पश्चात गठबंधन बना लेंगे। यही इनकी सच्चाई है ओर यही इनकी नीयति