Saturday, December 21

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सामान्य श्रेणी में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 फीसदी कोटा बिल को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही अब सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में सामान्य वर्ग के परिवार जिनकी आमदनी 8 लाख रुपए सालाना से कम है वो 10 फीसदी आरक्षण हासिल कर सकेंगे. आर्थिक तौर पर पिछड़े सवर्णों को दस फीसदी आरक्षण दिए जाने वाले बिल पर राष्ट्रपति की मुहर लगते ही अब ये बिल कानून बन गया है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक एक हफ्ते में इसका लाभ भी उठाया जा सकेगा. इस दौरान सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के जरिए एक हफ्ते के भीतर कानून से जुड़े प्रावधानों को अंतिम रूप दिया जाएगा.

दरअसल, नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने 7 जनवरी को सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को नौकरी और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले पर मुहर लगाई थी. 8 जनवरी को लोकसभा में संविधान का 124वां संशोधन विधेयक 2019 पेश किया गया. उसी दिन इसे लोकसभा में पास करवा लिया गया. इसके समर्थन में 323 वोट पड़े.

अगले ही दिन 9 जनवरी को इस बिल को राज्यसभा में लाया गया. इसके लिए राज्यसभा की बैठक को एक दिन के लिए बढ़ा दिया गया था. राज्यसभा में भी इस बिल को हरी झंडी मिल गई थी. राज्यसभा में इस बिल के पक्ष में 165 वोट पड़े थे, जबकि विरोध में 7 वोट रहे. दोनों सदनों से बिल पास होने के बाद इसे आखिरकार राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई है.