हम किसी के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन हम चाहते हैं कि हमें कानून के अनुसार चलना चाहिए: खड़गे

आज जब सीबीआई प्रमुख पद से हटाये गए आलोक वर्मा ने स्वयं ही इस्तीफा दे दिया है तब मलिकार्जुन खडगे जी का ब्यान संदेहास्पद है। कुछ बातें संदेह उपजातीं हैं। क्या आलोक वर्मा की बहाली कांग्रेस की सोची समझी चाल थी? कहीं नलिनी चिदम्बरम की गिरफ्तारी तो आलोक वर्मा के निलम्बन के आड़े नहीं आ रही थी? आज जब नलिनी को मद्रास हाई कोर्ट से बेल मिल गयी है तो खडगे जी के स्वर क्यों एक दम नर्म पड़ गए? कुछ तो गड़बड़ है

सेलेक्शन कमेटी की बैठक के बाद सीबीआई चीफ आलोक वर्मा को उनके पद से हटा दिया गया. यह फैसला 2-1 से लिया गया. कमेटी में शामिल विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस फैसले पर असहमति जताई थी जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सुप्रीम कोर्ट के जस्ट‍िस ए. के. सीकरी ने इसका समर्थन किया था. सुप्रीम कोर्ट ने आलोक वर्मा को बहाल करते हुए कहा था कि उन्हें हटाए जाने की प्रक्रिया गलत थी.

कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे ने पूर्व सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा पर कहा- बैठक बुलाए बिना, निदेशक को हटा दिया गया. बैठक बुलाने के बाद भी, सभी दस्तावेज समिति के समक्ष प्रस्तुत नहीं किए गए. सीवीसी की रिपोर्ट के आधार पर ही कार्रवाई की गई. इसमें जस्टिस पटनायक की रिपोर्ट शामिल नहीं थी.

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- हम किसी के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन हम चाहते हैं कि हमें कानून के अनुसार चलना चाहिए. हम आलोक वर्मा का बचाव नहीं कर रहे हैं. सवाल नियुक्ति और समाप्ति की प्रक्रिया के बारे में है. दोनों पक्षों को सुना जाना चाहिए. केवल एक रिपोर्ट देखी गई और निर्णय लिया गया.

सीवीसी को कोई अधिकारी नहीं चाहता था कि सीबीआई चीफ को हटाए. सि‍लेक्शन कमेटी सीबीआई चीफ का चुनाव करती है और सि‍लेक्शन कमेटी ही उन्हें हटा सकती है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आलोक वर्मा ने पद संभाल लिया था. कोर्ट ने आदेश दिया था कि वह कोई नीतिगत फैसले नहीं लेंगे, लेकिन उन्होंने आते ही कार्यवाहक सीबीआई चीफ के एम नागेश्वर राव के आदेश को पलटते हुए उनके किए ट्रांसफर रद्द कर दिए थे.

बताया गया कि नागेश्वर ने जिनके ट्रांसफर किए वे आलोक वर्मा से जुड़े लोग थे. बैठक के दौरान खड़गे ने कहा कि वर्मा को दंडित नहीं किया जाना चाहिए और उनका कार्यकाल 77 दिन के लिए बढ़ाया जाना चाहिए, क्योंकि इस अवधि के लिए वर्मा को छुट्टी पर भेजा गया था. यह दूसरा मौका था जब खड़गे ने वर्मा को पद से हटाने पर आपत्ति जताई. सूत्रों के मुताबिक बैठक के दौरान जस्टिस सीकरी ने कहा कि वर्मा के खिलाफ कुछ आरोप हैं, इस पर खड़गे ने कहा था, ‘आरोप कहां हैं’?’

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