तथ्यों को समझने के लिए आपको(राहुल गांधी) को ट्यूटर की आवश्यकता पड़ेगी: निर्मला सितारमण
इसके साथ ही उन्होंने राहुल गांधी को ‘ट्यूशन’ का ऑफर भी दे दिया
राफेल डील का मामला खींचता जा रहा है. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन ने राफेल फाइटर जेट डील को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों पर सोमवार को पलटवार किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रमुख को अपने तथ्यों को सही करने के लिए ‘ट्यूटर’ की जरूरत है. इसके साथ ही उन्होंने ‘ट्यूशन’ का ऑफर भी दिया.
पत्रकारों से बात करते हुए सीतारमन ने सवाल उठाया कि कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार क्यों लड़ाकू जेट विमान के सौदे को अंतिम रूप देने में असमर्थ रही है? राहुल गांधी से यह सवाल करना चाहिए.
सीतारमन ने कहा, ‘यूपीए सरकार हर साल हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड एचएएल को 10,000 करोड़ रुपए के ऑर्डर देती थी. हम उसे 20,000 करोड़ रुपए का ऑर्डर देते हैं. राहुल गांधी से यह नहीं पूछा जा रहा है कि उन्होंने सौदे को अंतिम रूप क्यों नहीं दिया?’
कांग्रेस द्वारा संसद में उठाए गए ऑडियो रिकॉर्डिंग के मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए सीतारमन ने कहा, ‘उनके (राहुल गांधी) पास मंत्रालय की सभी फाइलें हैं. क्या उनके पास सारी फाइलें पड़ी हैं या उनके किसी सूत्र ने सूचना लीक की है.
सरकार जवाब देने को तैयार,लेकिन विपक्ष उन्हें सुनने के लिए तैयार नहीं संसद में हंगामे को लेकर उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सीतारमन ने कहा कि सरकार सवालों के जवाब देने के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष उन्हें सुनने के लिए तैयार नहीं है. रक्षा मंत्री ने कहा, ‘संसद में बहस के दौरान जब सवाल पर संबंधित मंत्री जवाब देने के लिए खड़े होते हैं तो आप कहते हैं कि ‘प्रधानमंत्री को बुलाओ’.’
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सीतारमन पर आरोप लगाया था कि उन्होंने राफेल मुद्दे पर झूठ बोला है. उन्होंने सीतारमन के इस्तीफे की मांग की थी. राहुल गांधी ने ट्वीट किया था, ‘जब आप एक झूठ बोलते हैं तो उसे छिपाने के लिए एक के बाद एक कई झूठ आपको बोलने पड़ते हैं. राफेल मामले में पीएम मोदी को बचाने की हड़बड़ी में रक्षामंत्री ने संसद में झूठ बोला. कल रक्षा मंत्री या तो HAL को एक लाख करोड़ के ऑर्डर का सबूत लेकर आएं या फिर इस्तीफा दे दें.’
वित्तीय संकट से जूझ रही है सरकारी कंपनी एचएएल
दरअसल, राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना तब साधा, जब टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रक्षा क्षेत्र की सरकारी कंपनी एचएएल वित्तीय संकट से जूझ रही है और अपने कर्मियों को तनख्वाह देने के लिए पैसे उधार लेने को मजबूर है. एक लाख करोड़ रुपए में से एचएएल को एक पैसा भी नहीं मिला क्योंकि किसी आदेश पर हस्ताक्षर ही नहीं किए गए. कंपनी को सीतारमन के औपचारिक आदेश का इंतजार है.
वहीं राहुल गांधी की इस चुनौती के बाद निर्मला सीतारमन ने अपने जवाबी ट्वीट में कहा कि राहुल गांधी को वह रिपोर्ट पूरी पढ़नी चाहिए, जिसका वह जिक्र कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने रिपोर्ट के उस हिस्से का भी जिक्र किया, जिसमें लिखा है ‘हालांकि, लोकसभा के रिकॉर्ड बताते हैं कि सीतारमन ने यह दावा नहीं किया कि ऑर्डरों पर हस्ताक्षर हो चुके हैं. उन्होंने यह कहा कि उन पर काम चल रहा है.
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