Monday, December 23

नई दिल्‍ली : सवर्णों को आरक्षण देने के लिए सरकार ने लोकसभा में संविधान संशोधन बिल पेश कर दिया है. इस पर शाम 5 बजे से बहस होगी. इस पर बहस में सरकार को कई छोटे और अहम दलों ने समर्थन दिया है. इनमें एनसीपी, एसपी, एनसीपी, बीएसपी जैसे दल शामिल हैं. हालांकि कांग्रेस और एआईएमआईएम जैसे दलों का रुख साफ नहीं है. इस मुद्दे पर होने वाली बहस में सरकार की ओर से अरुण जेटली, निशिकांत दुबे और नंद किशोर चौहान हिस्‍सा लेंगे.

बता दें कि केंद्रीय कैबिनेट ने सोमवार को सवर्ण जातियों के गरीबों के लिए शिक्षा और रोजगार में 10 प्रतिशत का आरक्षण देने का फैसला किया है. लेकिन इस फैसले को लागू करने के लिए सरकार को संविधान में संशोधन करना होगा क्योंकि प्रस्तावित आरक्षण अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) को मिल रहे आरक्षण की 50 फीसदी सीमा के अतिरिक्त होगा, यानी ‘‘आर्थिक रूप से कमजोर’’ तबकों के लिए आरक्षण लागू हो जाने पर यह आंकड़ा बढकर 60 फीसदी हो जाएगा.

इस प्रस्ताव पर अमल के लिए संविधान संशोधन विधेयक संसद से पारित कराने की जरूरत पड़ेगी, क्योंकि संविधान में आर्थिक आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है. इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 15 और अनुच्छेद 16 में जरूरी संशोधन करने होंगे.