डेरा प्रमुख की सज़ा और उन पर दायर मुक़द्दमे आधार हीं : विधि अधिवक्ता परिषद

सर्वोच्च न्यायालय के बार परिषद् ने डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख बाबा राम रहीम प्रकरण में सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा 25 अगस्त 2017 को दिए गए फैंसले के विरुद्ध जाने का निर्णय किया है। इसी के अनुरूप 1700 वकीलों के परिषद् ने माननीय मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अदालत में एक याचिका दाखिल की है। परिषद् द्वारा इस मुद्दे पर संज्ञान लेने की मुख्य वजह गुरमीत राम रहीम द्वारा किये गए सामाजिक कार्य तथा उन कार्यों के साथ जुड़े हुए करोड़ों भारतीय नागरिकों का हित है। याचिका में जिस मुक़दमे में 20 साल की सजा सुनाई गयी है, उसे पूर्णतः निराधार बताया गया है तथा इस मुक़दमे को रद्द करने की मांग की गई है। परिषद का दावा है कि इस मुक़दमे में शुरुआत से अंत तक गैरकानूनी व गलत तरीके से कार्यवाही की गयी है । बार परिषद् ने जहाँ सीबीआई के खिलाफ गंभीर सवाल उठाये हैं, वहां राम रहीम के वकीलों को इस फैंसले का मुख्य दोषी ठहराते हुए सख्त टिप्पणी में कहा है कि “ये वो गले हुए सेब हैं जिन्होंने पूरी टोकरी को खराब किया है”। साथ ही इंडियन एक्सप्रेस अखबार की खबर का हवाला देते हुए हरियाणा सरकार पर भी सवाल उठाये हैं।

0 replies

Leave a Reply

Want to join the discussion?
Feel free to contribute!

Leave a Reply