पंचकूला नगर निगम में भ्रष्टाचार का बोल बाला- सौरव गर्ग

यूथ कांग्रेस के नेतृत्व में फूंका मुख्यमंत्री मनोहर लाल, मंत्री कविता जैन और विधायक ज्ञानचंद गुप्ता का पुतला


पंचकूला, 7 जनवरी .. ..
हरियाणा की भाजपा सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जुमलों की तरह प्रदेश में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जीरो टॉलरेंस की बात करती है, लेकिन हकीकत उससे कोसों दूर हैं । पंचकूला नगर निगम ने शहर के आठ चौंकों के ब्यूटीफिकेश की आढ़ में बड़े घोटाले को अंजाम दिया है। जिसके लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, अर्बन लॉकल बॉडीज मनिस्टर कविता जैन और स्थानीय विधायक ज्ञानचंद गुप्ता जिम्मेदार है। क्योंकि इन तीनों के संज्ञान के बिना इतना बड़ा घोटाला कैसे हो सकता है, यह भी गंभीता चिंता की बात है। इसी गंभीर मुद्दे को लेकर पंचकूला यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष सौरव गर्ग के नेतृत्व में समस्त स्थानीय कांग्रेसी नेताओं और समाज सेवी संगठनों ने आज मुख्यमंत्री, अर्बन लॉकल बाडीज मनिस्टर और स्थानीय विधायक का सेक्टर-14 स्थित नगर निगम के दफ्तर के सामने विरोध स्वरूप पुतला फूंका। यूथ कांग्रेस अध्यक्ष सौरव गर्ग ने चेताया कि अगर भाजपा सरकार ने नगर निगम के भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो यह प्रदर्शन बड़े आंदोलन का रूप भी ले सकता है। सौरव गर्ग ने मांग कि है कि इस पूरे घोटाले की जांच सीबीआई या फिर हाईकोर्ट के तीन रिटायर्ड जजों की कमेटी से करवाई जाए। क्योंकि भाजपा सरकार इस घाटले को दबाने के लिए निष्पक्ष जांच नहीं होने देगी, जिसके चलते पंचकूला शहर के लोगों को नहीं पता चल पाएगा कि उनके द्वारा टैक्स के रूप में दिए गए पैसे का नगर निगम अधिकारियों ने किस तरह से अपने निजी स्वार्थ के लिए दुरुपयोग किया। सौरव गर्ग ने कहा कि जब तक नगर निगम के प्रशासक का तबादला नहीं होता तब तक निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती, इस लिए सरकार तुरंत प्रभाव से निगम प्रशासक का तबादला करे। भाजपा सरकार, मुख्यमंत्री, अर्बन लोकल बाडीज मनिस्टर व स्थानीय विधायक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। इस मौके पर यूथ कांग्रेस के सुनील सरोहा उपाध्यक्ष जिला यूथ कांग्रेस, सुखविंदर सिंह सुखा उपाध्यक्ष यूथ कांग्रेस, राजकुमार बीड़ घग्गर, कृष्णा महेशपुर महासचिव, देवीचंद वाल्मीकि व अन्य पदाधिकारी के साथ सेकडो की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता व शहर वासी भी मौजूद थे।

-विधायक ज्ञानचंद गुप्ता ने क्यों साध रखी है चुप्पी..जनता मांग रही जवाब – सौरव गर्ग

शहर में इतने बड़े घोटाले को नगर निगम के अधिकारियों ने अंदाम दिया, लेकिन उसके बावजूद भी स्थानीय विधायक ज्ञानचंद गुप्ता द्वारा चुप्पी साधना अपने आप में कई सवालों को जन्म देता है। क्योंकि एक समय था जब विधायक यह कह कर अपना पल्ला छुड़ा लेते थे कि नगर निगम की मेयर कांग्रेस की है और वह विकास कार्य नहीं करवाने दे रही। लेकिन इस समय तो नगर निगम में मेयर का पद भी खाली बड़ा है और शहर का विकास भी विधायक ज्ञानचंद गुप्ता दी देखरेख में हो रहा है, ऐसे में यह कैसे माना जाए कि शहर के चौंकों की ब्यूटीफिकेशन की आढ़ में जो कथित घोटाला हुआ है, उसके बारे में स्थानीय विधायक को कुछ पता ही नहीं है।

-नगर निगम ने साजिश के तहत रखे 50 लाख रुपए से कम के टैंडर, नहीं तो लेनी पड़ती अप्रूवल – सौरव गर्ग

शहर के हरे भरे चौंकों को उजाडक़र वहां उन्हें पत्थर का बनाने के एवज में जो कथित घोटाला हुआ है उसे सोची समझी साजिश के तहत भाजपा नेताओं ने निगम अधिकारियों के साथ मिलकर अंजाम दिया है। नगर निगम के अधिकारियों ने पहले कॉल किए टैंडर में साइट का नाम गीता चौक लिखा था, लेकिन जब दूसरी बार 25 मई 2018 को टैंडर री-कॉल किया गया तो गुमराह करने के लिए उसमें साइट का नाम ही बदल कर सेक्टर 5,6,7 व 8 का चौंक लिख दिया गया। री-काल किए गए टैंडर में अनुमानित लागत करीब 44.50 लाख रुपए रखी गई, जिसकी साढ़े प्रतिशत ज्यादा की बिड आई, जिससे कि यह टैंडर बढ़ कर 49 लाख 90 हजार 353 रुपए का वर्क ऑर्डर बन गया। अगर टैंडर 50 लाख रुपए ऊपर का हो जाता तो नगर निगम को उसकी टैक्नीकल अप्रूवल के लिए एस्टीमेट को डायरेक्टर अर्बन लॉकल बाडीज के पास भेजना पड़ता। जिस कारण जानबूझ कर आठ चौंकों के अलग अलग एस्टीमेट तैयार किए गए। ताकि एस्टीमेटों की राशि 50 लाख रुपए से ऊपर न बने और यहीं से पूरे घाटले ने जन्म लिया। यहां तक की हर चौंक से हरियाली को खत्म करने के एवज में भी नगर निगम ने 69 हजार रुपए प्रति चौंक देने का काम किया है। एक तरफ तो सरकार पौधे लगाने के संदेश दे रही है और दूसरी तरफ हरियाली को खत्म करने का काम कर रही है। यहां तक की गीता चौंक से हरियाली खत्म कर वहां पर करीब आठ लाख रुपए के सफेद पत्थर ‘वाइट पैब्ल्स’ लगाने का काम भाजपा सरकार ने अधिकारियों से मिलीभुगत कर लगाने का काम किया है।नगर निगम के अधिकारी एलसी चौहान ने एक करोड 93 लाख रुपए की पेमेंट रोकने के लिए निगम प्रशासक को पत्र लिखा था लेकिन उनके 3 दिन के ट्रेनिंग पर जाने के दौरान मिलीभगत कर ठेकेदार को एक करोड़ 93 लाख रुपए की पेमेंट अारटीजीएस के जरिए कर दी गई।

इस मौके पर जावेद चौधरी, गोविंदा, राजीव , प्रतीक राणा, शेख चौधरी, अमन गर्ग, नरेंद्र द्रविड़, अशीष, करण, खालसा, अंकित सिंगला, रोहन, हैप्पी अलीपुर आदि कार्यकर्ता भी मौजूद थे

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