राफेल घोटाले की जेपीसी जांच के लिए एनएसयूआई ने शुरू किया हस्ताक्षर अभियान
प्रदेशभर से 1 लाख से ज्यादा हस्ताक्षर भेजेंगे कांग्रेस हाईकमान को ,पंचकूला में प्रदर्शन कर करवाए हस्ताक्षर
पंचकूला। मोदी सरकार राफेल घोटाले के चलते विवादों में घिरी हुई है जिसे लेकर आए दिन विपक्ष द्वारा तथ्यों के आधार पर मोदी सरकार से राफेल सौदे में हुए घोटाले को लेकर सवाल किए जाते है।इसी कड़ी में एनएसयूआई हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा के नेतृत्व में प्रदेशभर से 1 लाख से ज्यादा हस्ताक्षर, राफेल घोटाले की जेपीसी के द्वारा जांच के समर्थन में कांग्रेस हाईकमान को भेजेगी जिसमे प्रदेश के 22 जिलों से प्रत्येक जिले को 5 हजार हस्ताक्षर करवाने का जिम्मा सौंपा गया है।
माजरी चौक ,पंचकूला पर दिव्यांशु बुद्धिराजा के नेतृत्व में सेकड़ो की तादाद में युवाओ ने एकत्रित होकर राफेल घोटाले की जेपीसी जांच के लिए हस्ताक्षर अभियान के तहत स्थानीय युवाओ,छात्रो,महिलाओ व बुजुर्गो से हस्ताक्षर करवाकर राफेल घोटाले के बारे विस्तृत रूप से बताया। कांग्रेस की सरकार के समय में राफेल डील में 126 विमान प्रत्येक 525 करोड़ में खरीदे जाने के लिए करार हुए थे परन्तु उसे भाजपा सरकार ने 126 विमान से घटाकर 36 करदिए वह भी प्रत्येक1600 करोड़ की लागत से, इससे स्पष्ट है कि राफेल डील में घोटाला बड़े स्तर पर हुआ है।
अभियान के दौरान बुद्धिराजा समेत एनएसयूआई नेताओ ने मीडिया से बात करते हुए सँयुक्त रूप से कहा, “राफेल सौदे का मामला अनुच्छेद 132 और 32 से जुड़ा है।ऐसे में सुप्रीम कोर्ट विमान के मूल्य और सौदे की प्रकिया से जुड़ी संवेदनशील रक्षा अनुबंध पर फैसला नहीं दे सकता।इस मामले की सिर्फ जेपीसी से जांच कराई जा सकती है।सुप्रीम कोर्ट ने उस बात पर मुहर लगा दी जो कांग्रेस पार्टी कई महीनों से कहती आ रही थी।कांग्रेस पहले से कह रही थी कि इस तरह के संवेदनशील रक्षा मामलों पर फैसला लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट मंच नहीं है।
JPC का फूल फॉर्म ”ज्वाइंट पार्लियामेंटरी कमेटी’ होता है।ज्वाइंट पार्लियामेंटरी कमेटी संसद की वह समिति जिसमें सभी दलों को समान भागीदारी हो। जेपीसी को यह अधिकार है कि वह किसी भी व्यक्ति, संस्था या किसी भी उस पक्ष को बुला सकती है जिसको लेकर जेपीसी का गठन हुआ है। साथ ही जिस किसी भी व्यक्ति को जेपीसी बुलाती है अगर वह आता नहीं तो इसे सदन की अवमानना माना जाता है। जोपीसी को यह अधिकार होता है कि वह जिस व्यक्ति या संस्था के खिलाफ जांच चल रही है उससे लिखित या मौखिक जवाब मांग सकती है।
किसी भी मुद्दे को लेकर अगर सदन के अधीकतर सदस्य चाहते हैं कि जांच जोपीसी के जरिए हो तो उसके लिए एक समिति का गठन किया जाता है. इसको मिनी संसद भी कहा जाता है।कांग्रेस की मांग है कि राफेल घोटाले की जेपीसी से जांच की जाए।
इस अभियान में सन्नी मेहता राष्ट्रीय सचिव, , प्रताप राणा जिलाध्यक्ष,दीपांशु बंसल राष्ट्रीय कॉर्डिनेटर आरटीआई सेल,जग्गा खैरा राष्ट्रीय प्रतिनिधि ,सिद्धार्थ बिश्नोई,चंद्रमोहन बबलू,सागर , विक्रम , शुभम ,सजल, ब्रेटली राहुल ,अनिल अभिमन्यु,विजय हुड्डा ,लवली आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
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