नववर्ष 2019 इस राशि के जातको को वर्ष के प्रारम्भ से ही कार्य व व्यावसाय के संबंधित क्षेत्रों में मिश्रित फल देने वाला साबित होगा। बुध का पंचमेश से संबंध होने के कारण संतान पक्ष की खुशहाली का समाचार प्राप्त होगा। प्रतियागी क्षेत्रों में सफलता होगी। आजीविका के संबंधित क्षेत्रों में उन्नति कठिन प्रयासों के बाद होगी। कला, शिक्षा, फिल्म निर्माण के कार्यों उत्पान के संबंधित कार्यों में छोटी-छोटी रूकावटें हो सकती हैं। सेहत प्रारम्भिक दिनों में अच्छी साबित होगी, किन्तु माह अप्रैल से वर्ष के मध्य में सेहत में नरमी के आसार हैं। निकट व्यक्तियों से अचानक ही विरोध उत्पन्न हो सकता है। मन व वाणी का संयम आवश्य है। वर्ष के अंत मे सेवा व कार्य क्षेत्रों में तथा नए अवसरों की तलाश में सफलताएं प्राप्त होगी। आपके विवेक का स्तर उच्च होगा। पारिवारिक जीवन में मांगलिक कार्यो को मूर्तरूप देने मे सफलता प्राप्त होगी। धैर्य व साहस अपेक्षित होगा।
उपायः– अशुभ फल की समाप्ति हेतु जातकों को भगवान शिव, सूर्य की अर्चना व ब्रह्मणों को दान-दक्षिणा देना अनिष्ट फल को हटाने में कारगर होगा।
2019 में कन्या राशि के लिए ग्रह स्थितियां इस प्रकार रहेंगी
कन्या राशिः
सूर्यः इस वर्ष सूर्य 14 जनवरी से पंचम भाव में, 13 फरवरी को षष्ठ भाव में, 14 मार्च को सप्तम भाव में, 14 अप्रैल को अष्टम भाव में, 15 मई धर्म भाव, 15 जून को कर्म भाव में, 16 जुलाई को आय भाव में, 17 अगस्त को व्यय भाव में, 17 सितम्बर को प्रथम भाव में, 17 अक्टूबर को द्वितीय भाव में, 16 नवम्बर को तृतीय भाव में, 16 दिसम्बर को चतुर्थ भाव में संचरण करेगा।
चंद्रः चंद्र की गोचरीय तीव्रता होने के कारण सवा दो नक्षत्रों अर्थात् एक राशि का गोचरीय क्रम लगभग ढ़ाई दिनों में पूर्ण हो जाता है। अतएव चंद्रमा इसी तीव्रता क्रम से राशि चक्र में वर्ष पर्यन्त मेष से मीन पर्यन्त गोचर करेगा।
मंगलः मंगल इस वर्ष 05 फरवरी को अष्टम भाव में, 22 मार्च को धर्म भाव में, 07 मई को कर्म भाव में, 22 जून को आय भाव में, 08 अगस्त को व्यय भाव में, 25 सितम्बर को प्रथम भाव में, 10 नवम्बर को द्वितीय भाव में, 25 दिसम्बर को तृतीय भाव में संचरण करेंगे।
बुधः 01 जनवरी को चतुर्थ भाव में, 20 जनवरी को पंचम भाव में, 07 फरवरी को षष्ठ भाव में, 25 फरवरी को दारा भाव, 03 मई को अष्टम भाव में, 18 मई को धर्म भाव में, 01 जून को कर्म भाव में, 20 जून को आय भाव में, 26 अगस्त को व्यय भाव में, 10 सितम्बर को प्रथम भाव में 29 सितम्बर को द्वितीय भाव में, 23 अक्टूबर को तृतीय भाव 25 दिसम्बर को चतुर्थ भाव में संचरण करेंगे।
गुरूः इस वर्ष गुरू तृतीय भाव में गोचर करते हुए 29 मार्च को चतुर्थ भाव 22 अप्रैल को तृतीय भाव में 04 नवम्बर को चतुर्थ भाव में संचरण करेंगे।
शुक्रः शुक्र 01 जनवरी को तृतीय भाव में, 29 जनवरी चतुर्थ भाव में, 24 फरवरी को पंचम भाव में 21 मार्च को षष्ठ भाव में, 15 अप्रैल को दारा भाव में, 10 मई को अष्टम भाव में, 04 जून को धर्म भाव में, 28 जून को कर्म भाव में, 23 जुलाई को आय भाव में, 16 अगस्त व्यय भाव में, 09 सितम्बर को प्रथम भाव में, 03 अक्टूबर को द्वितीय भाव में, 28 अक्टूबर को तृतीय भाव में 21 नवम्बर को चतुर्थ भाव में 15 दिसम्बर को पंचम भाव में संचरण करेंगे।
शनिः शनि वर्ष पर्यन्त चतुर्थ भाव में गोचर करेंगे।
राहुः राहु इस वर्ष 06 मार्च तक आय भाव इसके पश्चात् कर्म भाव में संचरण करेगा।
केतुः केतु इस वर्ष 06 मार्च तक पंचम भाव में इसके पश्चात् चतुर्थ भाव में संचरण करेगा।