पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर पर ठोका 50 करोड़ का मानहानि का दावा
चण्डीगढ़ 27 दिसम्बर 2018
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने आज एमएलए होस्टल में पत्रकार वार्ता में ये बड़ा ऐलान किया कि विगत में आरक्षण आन्दोलन को लेकर उन पर प्रदेश के सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर द्वारा मेयर चुनावों के दौरान उनकी छवि खराब करने के लिए जो झूठे और मनघड़ंत आरोप लगाये हैं उनको लेकर मनीष ग्रोवर पर मानहानि का दावा ठोकने जा रहे हैं। उन्होंने खुलासा किया कि इस आशय का नोटिस मंत्री को भेज भी दिया है।
पूर्व मुख्य मन्त्री ने भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए सरकार पर ताबड़तोड़ हमले किये। उन्होंने भाजपा सरकार को घोटालों की सरकार करार दिया। पूर्व मुख्यमंत्री ने बावल भूमि अवार्ड, धान तथा बाजरा खरीद, कपास बीज व कीटनाशक दवा खरीद, फसल बीमा योजना, डाडम समेत अनेक जगहों पर अवैध खनन, गैलवाल्यूम सीटस, बिजली मीटर खरीद, गुड़गांव मैट्रो रूट में बदलाव, हाईडल प्रोजैक्टस, रोडवेज में किलोमीटर स्कीम, एचएसएससी में नौकरियों की निलामी, एमपीएचडब्ल्यू नौकरियों में गोलमाल व गरीबो के लिए दाल खरीद में हुए घोटालों का जिक्र करते हुए भाजपा पर आरोप लगाया कि शासक पार्टी ने अपने ही घोषणा पत्र को नजर अंदाज कर दिया। उन्होंने, घोषणा पत्र में उल्लेख किये गये एक-एक वायदे पर मुकरने का आक्षेप लगाते हुए पूछा कि अवैध खनन पर रोक क्यों नहीं लग पाई, सरकार बनते ही बुढ़ापा पैंशन 2000 रूपये मासिक क्यों नहीं हुई, बेरोजगारों को 6000 और 9000 रूपये बेरोजगारी भत्ता क्यों नहीं दिया गया, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को कूड़ेदान में क्यों डाल दिया गया, कर्मचारियों को पंजाब के समान वेतनमान क्यों नहीं दिया गया, हर जिले में नये मेडिकल कॉलेज सरकार क्यों नहीं खोल पाई और कौनसा विश्वविद्यालय अन्तर्राष्ट्रिय स्तर का बना ? सरकार सबका साथ सबका विकास का नारा लगा रही है तो क्यों उनके ही विधायक और मंत्री पक्षपात का आरोप लगा रहे हैं ?
पूर्व मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि कांग्रेस की सरकार आते ही सहकारी व अन्य बैंकों से कृषि कार्यों के लिए लिये गये ऋण 6 घंटे में माफ कर दिये जाएंगे और 12 घंटे में बुढ़ापा पैंशन 3000 रूपये मासिक कर दी जायेगी तथा बिजली के बिल घटा कर आधे कर दिये जाएंगे। हमने अपने शासनकाल में गन्ना उत्पादकों को न केवल उच्चतम भाव दिया बल्कि समय पर गन्ने की पेमैंट सुनिश्चित की। जबकि भाजपा सरकार सीजन 2017-18 का मिलों पर किसानों का सैंकड़ों करोड़ रूपये का बकाया अभी तक नहीं दिला सकी। उन्होंने नारायणगढ़ सुगरमिल का जिक्र करते हुए बताया कि मिल बकाया पेमैंट में से 16 रूपये प्रति क्विंटल काट रही है। किसानों को न मिल पूरा पैसा दे रही है और न सरकार अपने हिस्से का पैसा दे रही है। भाजपा की यह पहली सरकार है, जो किसानों से नये ट्यूबवैल कनैक्शनों पर तारों के पैसे भी वसूल रही है। 2005 तक के पुराना बिल वसूली माफी भी ढ़कोसला है। वही बिल बट्टे खाते में डाले जिनकी वसूली सम्भव नहीं थी। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ने 4 कंपनियों को मालामाल किया और किसानों के नुकसान की भरपाई केवल दिखावे की निकली।
पूर्व मुख्यमंत्री ने लचर कानून व्यवस्था का जिक्र करते हुये कहा कि प्रदेश में अपराधियों के हौंसले बुलन्द हैं। यहां तक कि गुरूग्राम में तो हैड कांस्टेबल का ही अपहरण हो गया। किसी भी वर्ग या आयु के पुरूष या महिला सुरक्षित नहीं हैं। न संस्थान सुरक्षित हैं और न न्यायिक परिसर सुरक्षित हैं फिर भी सरकार अमन चैन का ढ़ोल पीट रही है।
हुड्डा ने कहा कि कर्मचारियों में भारी असन्तोष है। खासकर परिवहन विभाग में स्थिति असामान्य है। विभाग की किलोमीटर स्कीम ने कर्मचारियों को आन्दोलन पर जाने को मजबूर कर दिया, जिससे आम आदमी को भी भारी परेशानी हुई। सरकार की मन्शा आम आदमी को सुविधा देने की नहीं थी बल्कि चहेतों को लाभ पहुंचाने की थी। नीचे दिया गया चार्ट हमारे आरोपों की पुष्टि करता है:-
Cost per kilometre
- Haryana Roadways Rs. 36.50
- Punjab Rs. 21.92
- Pepsu Rs. 20.99
- Rajasthan Rs. 20.97
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार का हाजमा इतना जबरदस्त है कि पत्थर, रेत, गरीबों की दाल तथा कर्मचारियों का तीन साल का मकान किराया भत्ता तक हजम कर गई।
हुड्डा ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152-डी, जो गंगहेड़ी (इमाईलाबाद) से नांगल चौधरी तक जाता है, के मुआवजे में नई भू-अधिग्रहण नीति के प्रावधानों की अनदेखी की गई है। रास्ते में पड़ने वाले बासमति धान, हरी सब्जियां व बागवानी जैसी ज्यादा लागत वाले रकबे के लिए विशेष मुआवजे का ध्यान नहीं रखा गया है। राजमार्ग में आने वाले मकानों, जमीन के अन्दर बिछाई गई पाईप लाईनों और वृक्षों का उचित मुआवजा तय नहीं किया गया है। प्रदेश की भाजपा सरकार को किसान विरोधी करार देते हुये उन्होंने कहा कि प्रदेश में कई जगह हुई ओलावृष्टि के नुकसान की अभी तक विशेष गिरदावरी नहीं हुई है। कृषि विभाग कह रहा है कि रिकवरी सम्भव है पर शायद सरकार को नहीं मालूम कि औलों से टूटे सरसों के डंठल की रिकवरी सम्भव नहीं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार में हर जगह भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। यहां तक कि एचएसएससी के कैश फोर जॉब मामले में कोर्ट को दखल देनी पड़ी है। भाजपा सरकार भू-माफिया पर इतनी मेहरबान कि फरीदाबाद की 60 एकड़ भूमि अधिग्रहण से मुक्त कर दी गई, जो दशकों पहले अधिग्रहीत की गई थी तथा गुरूग्राम में बेशकीमती साढ़े तीन एकड़ जमीन जिसकी मार्किट वैल्यू 300 करोड़ रूपये से ज्यादा है मात्र 30 लाख रूपये में नकली भू-मालिकों को लोटा दी गई। अन्य कई जगहों पर भी व्यवसायिक शौरूम रिज्यूम करने के बाद रिअलॉट किये गये हैं और हर जगह बिचोलिये भाजपा से जुड़े लोग हैं। उन्होंने कहा कि सरकार कोई नया काम नहीं कर रही है बल्कि पहले से जारी स्कीमों का नाम बदल रही है। इसका उदाहरण हमारे समय के ई-दिशा केन्द्र का नाम बदल कर भाजपा सरकार सरल केन्द्र रख कर वाहवाही लूट रही है। सरकार की किसानों, व्यापारियों, कर्मचारियों, युवाओं व महिलाओं के प्रति बरती जा रही बेरूखी के कारण भाजपा राजनैतिक रूप से शून्य होती जा रही है। इनेलो का हर धड़ा आम आदमी की लड़ाई लड़ने की बजाये अपने स्वार्थ की लड़ाई लड़ रहा है, जिसके कारण वो अगले चुनावों तक अपना अस्तित्व तक भी खो देगा।
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