पाकिस्तान को चीन के 40 बिलियन डॉलर चुकाने होंगे
CPEC के लिए अगले 20 सालों में पाकिस्तान चीन के 26.5 बिलियन डॉलर के निवेश के लिए उसे 40 बिलियन डॉलर कर्ज और मुनाफे के रूप में वापिस करेगा
चीन-पाकिस्तान कॉरिडोर बॉर्डर के लिए अगले 20 सालों में पाकिस्तान चीन के 26.5 बिलियन डॉलर के निवेश के लिए उसे 40 बिलियन डॉलर कर्ज और मुनाफे के रूप में वापिस करेगा. एक मीडिया रिपोर्ट में बुधवार को इसकी जानकारी दी गई है.
पहले खबरें थीं कि सीपीईसी में चीनी निवेश 50 बिलियन डॉलर के करीब है लेकिन एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट में बताया गया है कि चीनी निवेश इसका लगभग आधा है.
39.83 बिलियन डॉलर के इस प्रोजेक्ट में एनर्जी और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर कर्ज 28.43 बिलियन डॉलर के करीब है. बाकी के 11.4 बिलियन डॉलर डिविडेंस यानी लाभांश के तौर पर दिए जाएंगे. ये आंकड़े मिनिस्ट्री ऑफ प्लानिंग एंड डेवलपमेंट के दस्तावेजों के हवाले से दिए गए हैं.
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इन आकंड़ों से पता चलता है कि 50 से 62 बिलियन की लागत के बताए जा रहे सीपीईसी प्रोजेक्ट में निवेश लगभग आधा ही होगा.
रिपोर्ट में बताया गया है कि अगले कुछ सालों में इस परियोजना के तहत बस एक ही प्रोजेक्टर तैयार हो सकता है, वो पाकिस्तान रेलवे का 8.2 बिलियन डॉलर का मेनलाइन-I प्रोजेक्ट है. लेकिन इन अनुमानों में इस प्रोजेक्ट की लागत नहीं बताई गई है.
पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने ये आंकड़े पिछले महीने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ भी साझा किए थे. इसमें बताया गया है कि पाकिस्तान अगले बीस सालों में हर साल चीन को 2 अरब बिलियन डॉलर चुकाएगा.
बता दें कि इस वक्त पकिस्तान गंभीर आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है. उसने आईएमएफ से आठ अरब अमेरिकी डॉलर की मदद मांगी है ताकि वह भुगतान का संकट हल कर सके.
वहीं पाकिस्तान बाहर से भी धन जुटाने की कोशिश कर रहा है. इस कोशिश में प्रधानमंत्री इमरान खान सऊदी और चीन जा चुके हैं, दोनों देशों ने उन्हें 6 अरब अमेरिकी डॉलर की आर्थिक राहत देने का आश्वासन दिया है.
इसी मुसीबत के बीच अमेरिका और पाकिस्तान के संबंध भी खराब हो गए हैं और अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली अपनी 30 करोड़ अमेरिकी डॉलर की सैन्य सहायता रोक दी है.
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