Monday, December 23

कांग्रेस के सांसद मांग कर रहे थे कि ट्रिपल तलाक बिल को जॉइंट सलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए, लेकिन ऐसा नहीं होने के बाद विरोध में उन्होंने वॉकआउट किया

लंबी चर्चा के बाद आखिरकार लोकसभा से ट्रिपल तलाक बिल को हरी झंडी मिल गई है. ट्रिपल तलाक बिल के पक्ष में 245 और खिलाफ 11 वोट पड़े हैं. बिल पर वोटिंग से पहले कांग्रेस और AIADMK ने वॉकआउट किया.

कांग्रेस के सांसद मांग कर रहे थे कि ट्रिपल तलाक बिल को जॉइंट सलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए, लेकिन ऐसा नहीं होने के बाद विरोध में उन्होंने वॉकआउट किया.

इससे पहले कांग्रेस नेता सुष्मिता देव ने कहा था कि ट्रिपल तलाक पर प्रतिबंध लगाकर मुस्लिम महिलाओं की समस्याओं को हल नहीं किया जा सकता. उसे जीवन यापन करने में मदद नहीं मिलेगी. जबकि पुरुष जेल में है और यह गारंटी नहीं देगा कि वह अपने पति के साथ वापस आ सकती है, क्योंकि ट्रिपल तालक गैरकानूनी है.

आगे बोलते हुए उन्होंने कहा था शाहबानो से लेकर शायराबानो तक हमारे पास कई उदाहरण हैं जिसमें पुरुषों ने आराम से कानूनन उन्हें तलाक दे दिया.

इसके जवाब में बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा था कि विश्वास के बावजूद, महिलाओं को स्वाभाविक रूप से बिना कारण तलाक नहीं चाहिए. महिलाएं भी खुश वैवाहिक जीवन जीना चाहती हैं. ईसाई, हिंदू महिलाओं की तरह वह भी अपना वैवाहिक जीवन बचाना चाहती हैं. पुरुषों को अपनी पत्नी को तलाक देने और उसे त्यागने का सर्वोच्च अधिकार नहीं दिया जा सकता है. तीन तलाक से सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश से सामने आते हैं.

इस दौरान केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा था कि जब इनके पास मौका था तो वो महिलाएं जो प्रताड़ित की जा रही थीं तो ये लोग उनके पक्ष में क्यों नहीं खड़े हुए. 477 बहनें ऐसी है जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी ट्रिपल तलाक की शिकार हुई हैं. यदि किसी बहन के साथ ऐसा हो तो हमारी जिम्मेदारी है उसे न्याय दिलाना. इस देश ने वो मंजर भी देखा जब ये कहा गया कि अगर दहेज लिया या दिया जाता है तो इसमें सरकार का क्या काम, लेकिन वो खत्म हुआ.

स्मृति ईरानी ने कहा था कि तलाक-ए-बिद्दत एक क्रिमिनल एक्ट है. प्रधानमंत्री का विशेष अभिनंदन करती हूं, क्योंकि आपने राजनीति के मकसद से इसकी शुरुआत नहीं की. इंसाफ को अब तक देर हुई है, लेकिन अब वक्त खत्म हो गया है.