मुख्यमंत्री मनोहर लाल आज मोरनी में विश्व औषधीय वन परियोजना का लोकार्पण किया
पंचकूला, 20 दिसम्बर-
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश में आयुर्वेद व हर्बल औषधीयों को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा हर्बल कारपोरेशन बनाने की घोषणा करते हुए मोरनी क्षेत्र को ऑर्गेनिक क्लस्टर बनाने तथा यहां जड़ी-बूटियों के लिए एक विश्व स्तरीय नर्सरी स्थापित करने की घोषणा करके प्रदेश में आयुष को बढ़ाने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। मुख्यमंत्री मनोहर लाल आज मोरनी में विश्व औषधीय वन परियोजना का लोकार्पण करने उपरांत उपस्थित जनसमूह को सम्बोंधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा योग को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के बाद भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद को विश्व स्तर पर पहुंचाने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की पहल पर हरियाणा के पंचकूला जिले के मोरनी क्षेत्र में आज हरियाणा वन विभाग व पतंजलि योग पीठ के सहयोग से स्थापित विश्व औषधीय वन परियोजना का लोकार्पण किया गया।
इस अवसर पर हरियाणा के वन एवं वन्य प्राणी मंत्री राव नरबीर सिंह, राज्य मंत्री कर्ण देव काम्बोज के अलावा योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पिछले तीन वर्षों से लगातार इस परियोजना पर कार्य कर रहे वन विभाग व पतंजलि योग पीठ के वैज्ञानिकों के कार्य की सराहना करते हुए कहा कि मोरनी में वल्र्ड हर्बल फोरेस्ट स्थापित करने की उनकी परिकल्पना को आज धरातल पर क्रियान्वयन किया गया है।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक वनों के साथ-साथ मोरनी क्षेत्र में वनों के औषधीय पौधों के रूप में विविधिकरण करने से इस क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिलने के साथ-साथ उनकी आय में भी बढ़ौतरी होगी तथा यहां के लोगों की आर्थिक स्थित भी बदलेगी।
उन्होंने कहा कि प्रति व्यक्ति आय में हरियाणा देश में कई बड़े राज्यों से अग्रणी है, परंतु मेवात व मोरनी का क्षेत्र प्रति व्यक्ति आय में पीछे है। अब यहां यह परियोजना आने से न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी मोरनी क्षेत्र अपनी पहचान बनाएगा। इसके साथ ही यहां पर्यटन की भी योजनाएं विकसित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि शिवालिक पर्वतीय क्षेत्र हरियाणा की शान है और इस पर्वतीय क्षेत्र के विकास पर वन, आयुष, पर्यटन व कृषि विभाग मिलकर योजनाएं बनाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा हर्बल कारपोरेशन प्रदेश में स्थापित किये जा चुके हर्बल पार्कों की देख-रेख करेगा। उन्होंने कहा कि सिक्किम जैसे राज्य की तर्ज पर इस क्षेत्र में भी ऑर्गेनिक खेती की आपार संभावनाएं हैं जो ट्राईसिटी के लोगों की ऑर्गेनिक फल-फूल व अन्य खाद्यान्नों की मांग को पूरा करेगा।
आयुर्वेद व योग को बढ़ावा देने के लिए अब तक सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एम्स की तर्ज पर पंचकूला में लगभग 500 करोड़ रुपये की लागत से 20 एकड़ में 300 बिस्तरों के अस्पताल के साथ-साथ राष्ट्रीय आयुर्वेद एवं योग संंस्थान की स्थापना की जा रही है। इसके अलावा, झज्जर जिले के गांव देवरखाना में योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति अनुसंधान संस्थान केलिए केन्द्रीय परिषद का गठन किया जा रहा है।
कुरुक्षेत्र में श्रीकृष्णा राजकीय आयुर्वेद कालेज को आयुष विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया है, जो देश में अपनी तरह का पहला आयुष विश्वविद्यालय है। उन्होंने कहा कि लोगों को हमारी प्राचीन संस्कृति योग से जोडऩे के लिए हर गांव में व्यायामशालाएं खोली जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने पतंजलि योगपीठ के अनुसंधानकर्ताओं को मोरनी में रहने के लिए स्थान उपलब्ध करवाने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि अनुसंधानकर्ताओं ने मोरनी क्षेत्र में 53 नई जड़ी-बूटियों की प्रजातियों की खोज की है और अब तक वन विभाग के रिकार्ड में अब तक जड़ी-बूटियों की 1062 प्रजातियां ही दर्ज थी, जो अब बढक़र 1115 हो गई हैं। उन्होंने कहा कि इन नई जड़ी-बूटियों से मोरनी क्षेत्र का नाम न केवल देश में ही नहीं अपितु पूरे विश्व में जाना जाएगा। जड़ी-बूटियों के जानकार नई प्रजातियों के बारे जानने के लिए यहां का दौरा करेंगे। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने हरड़ वाटिका का उदघाटन भी किया।
पतंजति योगपीठ द्वारा मोरनी क्षेत्र में कुल 125 वाटिकाओं को विकसित करने का लक्ष्य रखा गया, जिसमें से अब तक 65 वाटिकाएं विकसित की जा चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने आर्चाय बाल कृष्ण द्वारा लिखित तीन पुस्तकों नामत: फलोरा ऑफ मोरनी हिल्स, विजिटेटिव सर्वे ऑफ मोरनी हिल्स तथा मोरनी क्षेत्र के महत्वपूर्ण औषधीय पादप का विमोचन किया। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने आदिश अग्रवाल द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जीवन पर लिखित 672 पृष्ठ की पुस्तक ‘नरेन्द्र मोदी-ए क्रिशमेटिक विजिनरी स्टेटस्मैन’ का विमोचन भी किया। इस अवसर पर हरियाणा के वन एवं वन्य प्राणी मंत्री राव नरबीर सिंह ने अपने सम्बोंधन में कहा कि यह हरियाणा का यह सौभाग्य है कि यहां एक ओर प्राचीनतम पर्वतीय श्रंखला अरावली तथा दूसरी ओर नवीनतम पर्वतीय श्रंखला शिवालिक मौजूद है। उन्होंने कहा कि हमारा देश आयुर्वेद का जनक रहा है, आधुनिक जीवनशैली में लोगों का रूझान एलोपैथी की ओर है। आयुर्वेद को लोग भूलते जा रहे हैं, परन्तु आज योग ऋषि बाबा रामदेव के सहयोग से मोरनी क्षेत्र में विश्व औषधीय वन परियोजना का लोकार्पण किया गया है, जो आयुर्वेद के क्षेत्र एक नया अध्याय जोड़ेगा। उन्होंने कहा कि लगभग 1200 एकड़ भूमि पर औषधीय पौधे लगाए जाने हैं, जिससे यहां के स्थानीय लोगों को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंने परियोजना पर त्वरित कार्य करने के लिए आचार्य बाल कृष्ण, पतंजलि के वैज्ञानिकों और उनकी टीम को बधाई दी है और कहा कि योग गुरु के साथ-साथ आज से बाबा रामदेव औषधीय गुरु भी बन गए हैं।
इस अवसर पर कालका के विधायक लतिका शर्मा ने अपने स्वागतीय भाषण में बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कालका विधानसभा के लोगों को लगभग 700 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात दी है। उन्होंने कहा कि इसके साथ मुख्यमंत्री के प्रयासों से मोरनी क्षेत्र की 110 ढाणियों में पहली बार बिजली पहुंचाई गई है। इसके अलावा, घर-घर में पीने का पानी पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि देश में मोरनी क्षेत्र में बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए छह-सात किलोमीटर पैदल चलना पड़ता था, परन्तु मुख्यमंत्री ने नि:शुल्क मैक्सी कैब सेवा उपलब्ध करवाकर एक उदाहरण पेश किया है। उन्होंने कहा कि नियमों में छूट देते हुए इस क्षेत्र में धामण व मोरनी के स्कूलों को अपग्रेड किया गया। श्रीमती लतिका शर्मा ने मांधना में राजकीय आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी खोलने तथा मोरनी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (पीएचसी) का दर्जा बढ़ाकर उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) बनाने की मांग भी मुख्यमंत्री से की।
इस अवसर पर योग गुरु बाबा रामदेव ने अपने सम्बोंधन में कहा कि पूरे विश्व में लगभग 10 लाख करोड़ रुपये प्रतिवर्ष फूड सप्लीमेंट पर खर्च हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य व धन (हैल्थ व वैल्थ) को एक साथ जोडऩा जरूरी है। उन्होंने कोरिया का उदाहरण देते हुए कहा कि मात्र 3.5 करोड़ की जनसंख्या वाला देश कोरिया ने अपने तीन ब्रांडों नामत: एलजी, सैमसंग व हुंडई से पूरे विश्व में खयाति अर्जित की है। उन्होंने कहा कि मोरनी क्षेत्र की हरड़, शतावर, सर्पगंधा, वनस्पा जैसी जड़ी-बूटियों का सही ढ़ंग से विपणन होने से यहां के लोगों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी और पतंजलि हर प्रकार का सहयोग यहां के लोगों को उपलब्ध करवाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा को विश्व की आर्थिक व अध्यात्मिक राजधानी बनाना है। योग गुरु ने कहा कि आज मोरनी क्षेत्र का नाम विश्व में पहचान बना चुका है क्योंकि अब तक पतंजलि योगपीठ द्वारा चार अंतरराष्ट्रीय शोध पत्र प्रकाशित किये जा चुके हैं। हमें निरंतरता के साथ आगे बढऩा होगा तथा हम निरोगी व उपयोगी बनकर राष्ट्र के लिए कार्य कर सकते हैं।
आचार्य बाल कृष्ण ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा हरियाणा सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमने प्राचीन भारत तो नहीं देखा परंतु नवीनतम भारत की तस्वीर हम निरोगी रहकर और निष्ठा, लगन एवं ईमानदारी के साथ राष्ट्र की सेवा में जुड़े हुए हैं। उन्होंने भारत स्वाभीमान संगठन के श्री राकेश व एस.के.तीजारवाला के प्रयासों की सराहना की जिन्होंने लगभग जड़ी-बूटियों की 1000 से अधिक विभिन्न प्रजातियों पर डॉक्यूमटेशन के लिए विषम परिस्थितियों में कार्य किया है। उन्होंने कहा कि न्यूयार्क में चार जर्नल प्रकाशित किये जा चुके हैं और मोरनी क्षेत्र का नाम विश्व पहुंच चुका है भले ही यहां के लोगों को इसकी जानकारी न हो। मोरनी हरियाणा के गौरव की बात बन गया है। इस क्षेत्र में अब तक 3.50 लाख पौधारोपण किया गया है। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों के सहयोग से हम बॉयोरिसर्च संस्थान की स्थापना भी करना चाहते हैं।
इस अवसर पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ० अनिल हुड्डा ने मुख्यमंत्री सहित अन्य विशिष्ट अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि हरियाणा में प्राकृतिक वन दो प्रतिशत से भी कम भूमि पर है। मोरनी व कलेसर में प्राकृतिक वन अधिक हैं तथा मोरनी क्षेत्र को औषधीय पौधों की जैविक विविधता का एक हॉट स्पाट केन्द्र माना गया है। विश्व औषधीय वन परियोजना के नोडल अधिकारी श्री जगदीश चन्द्र ने ‘इतिहास के आइने में मोरनी औषधीय वन’ पर प्रस्तुति देते हुए कहा कि पतंजलि योगपीठ के 30 वैज्ञानिकों ने निरंतर मोरनी क्षेत्र में तीन बार सर्वे किया है और 983 जड़ी-बूटियों की विभिन्न प्रजातियों की पहचान की है, जिनमें से 300 नई प्रजातियां हैं और 53 प्रजातियों की पहली बार पहचान की गई है। उन्होंने कहा कि 715 हैक्टेयर क्षेत्र में औषधीय पौधों लगाए जाएंगे।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विश्व औषधीय वन परियोजना पर कार्य करने वाले 20 वैज्ञानिकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर सांसद रतन लाल कटारिया, पंचकूला के उपायुक्त मुकुल कुमार, अतिरिक्त उपयुक्त जगदीप ढ़ांडा, डीसीपी कमलदीप गोयल, उप-मण्डल अधिकारी (नागरिक) पंकज सेतिया, जिला भाजपा प्रधान दीपक शर्मा, हरियाणा शिवालिक बोर्ड के सदस्य श्याम लाल बंसल, भाजपा महामंत्री हरेन्द्र मलिक, पतंजलि योगपीठ के प्रतिनिधियों सहित बड़ी संख्या मोरनी पर्वतीय क्षेत्र के लोग उपस्थित थे।
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