15 साल बाद मध्यप्रदेश की सत्ता में वापस आई कांग्रेस का इस बार विन्ध्य इलाके में सबसे खराब प्रदर्शन रहा, उसे वहां पर 30 में से मात्र 6 सीटें मिली जबकि बीजेपी को 24 सीटें
यकीन मानिए यह बदले की राजनीति नहीं मनी जाएगे यह तो मात्र यह सुनिश्चित करना है की लोक सभा चुनाव कांग्रेस ही जीते
सोमवार को मध्यप्रदेश में नव निर्वाचित मुख्यमंत्री कमलनाथ सिंह ने शपथ ग्रहण कर ली है. शपथ ग्रहण के पहले कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश में सबसे बड़े दल के तौर पर सामने आने के बावजूद कांग्रेस का विंध्य क्षेत्र में ईवीएम की विश्वसनीयता पर शक बरकरार है. उन्होंने कहा कि वह इलाके में हुई वोटिंग पैटर्न का विशेषज्ञों से निष्पक्ष जांच कराएंगे. प्रदेश में 11 दिसंबर को मतगणना हुई थी.
15 साल बाद मध्यप्रदेश की सत्ता में वापस आई कांग्रेस का इस बार विन्ध्य इलाके में सबसे खराब प्रदर्शन रहा. उसे वहां पर 30 में से मात्र 6 सीटें मिली जबकि बीजेपी को 24 सीटें. इस इलाके से कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता भी हार गए थे. जिनमें निवर्तमान मध्यप्रदेश विधानसभा में प्रतिपक्ष नेता अजय सिंह (अपनी परंपरागत चुरहट सीट) और प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह (अमरपाटन सीट) शामिल हैं.
ईवीएम की करेंगे फॉरेंसिक जांच
एक सवाल के जवाब में कमलनाथ ने बताया, ‘मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार बहुमत के नजदीक आने के बावजूद हमारा ईवीएम पर विन्ध्य इलाके में शक बरकरार है.’ उन्होंने कहा, ‘हमने विन्ध्य क्षेत्र की वोटिंग और परिणाम पर एक फोरेंसिक स्टडी की पहल की है, जो कि वोटिंग पर एक्जिट पोल की तरह सर्वे करेगा. मेरे पास आज सुबह (शनिवार) विन्ध्य से लोग आए और कह रहे थे कि गांव ने (कांग्रेस को) वोट डाले, लेकिन (परिणाम) मशीन से कुछ अलग निकली. इसकी हम एक फोरेंसिक स्टडी करेंगे.’
कमलनाथ ने बताया, ‘हम फोरेंसिक जांच कर रहे हैं. वहां (विन्ध्य क्षेत्र) के वोटिंग पैटर्न पर निष्पक्ष जांच कराएंगे. एक बार जांच रिपोर्ट आने के बाद फिर चुनाव आयोग से बात करुंगा.’ उन्होंने बताया, ‘फोरेंसिक रिपोर्ट आती है तो बीजेपी उस पर आपत्ति कर सकती है. वह किस बात पर विरोध करेगें? मैं जांच करवा रहा हूं और मैं उसका पैसा दूंगा.’
विन्ध्य में परिणाम वोटिंग पैटर्न से मेल नहीं खा रहे हैं
कमलनाथ ने कहा कि विन्ध्य इलाके में परिणाम के कारण ईवीएम या इसके प्रबंधन को लेकर शक है. इसलिए फोरेंसिक जांच करा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सतना जिले में मतदान के दिन सबसे ज्यादा ईवीएम की गड़बड़ी की सूचना आई और यह लगभग तीन घंटों तक बंद रही. यहां तक कि विन्ध्य में परिणाम वोटिंग पैटर्न से मेल नहीं खा रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘हम स्वतंत्र पेशेवर एजेंसी को नियुक्त कर रहे हैं. वह कम से कम 40 फीसद ग्रामीण इलाकों में संपर्क कर लोगों से पता करेंगे कि उन्होंने किसे वोट दिया था.’ जब उनसे सवाल किया गया कि फोरेंसिक जांच में वोटिंग पैटर्न और परिणामों में गडबड़ी सामने आने पर क्या कांग्रेस अदालत में जाएगी, तो इस पर कमलनाथ ने कहा, ‘रिपोर्ट आने के बाद इस पर विचार करेंगे.’
प्रदेश के विन्ध्य इलाके में सतना, रीवा, सीधी, सिंगरौली और अनूपपुर जिले आते हैं. इस बार विन्ध्य क्षेत्र से कांग्रेस को 30 में से केवल छह सीटें मिली हैं, जबकि 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को इस इलाके से 12 सीटें मिली थीं.
राज्य में 121 विधायकों की मदद से बनी कांग्रेस की सरकार
मध्य प्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को 114 सीटें मिली हैं. वह बीएसपी के दो, एसपी के एक और चार अन्य निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बना रही है. उसे फिलहाल कुल 121 विधायकों का समर्थन हासिल है. कमलनाथ ने इन 121 विधायकों का समर्थन होने का दावा कर राज्यपाल से सरकार बनाने का दावा किया था और सोमवार को उन्होंने भोपाल के जंबूरी मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की. वहीं, बीजेपी को 109 सीटें मिली हैं.
कांग्रेस के किसानों का कर्ज माफ करने के वादे पर रिजर्व बैंक आफ इंडिया के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन द्वारा यह बयान देने पर कि यह अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा नहीं है, के सवाल पर कमलनाथ ने कहा, ‘मेरे पास इस बारे में पुख्ता योजना और रणनीति है. इसका खुलासा मैं 17 दिसंबर बाद करुंगा.
उन्होंने कहा, ‘इंटरनेट पर देख लें कि बैंकों ने उद्योग और व्यावसायिक घरानों का 40 से 50 फीसदी कर्ज माफ किया है. यदि उनका कर्ज माफ किया जा सकता है तो किसानों का क्यों नहीं.’ कमलनाथ ने कहा, ‘रघुराम राजन अगर गांव को समझते हैं तो वो बात करें. वह बताएं कि कितने साल गांव में काटे हैं, कितने साल खेतों में काम किया है.’