दिल्ली में कांग्रेस के आलाकमान ने अशोक गहलोत के नाम पर मुहर लगा दी है. जबकि सीएम पद के एक और दावेदार सचिन पायलट पार्टी के इस फैसले को मानने को तैयार नहीं हैं
बीते आधी रात को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री का ऐलान किया गया, लेकिन राजस्थान में विधानसभा चुनाव के नतीजे आए करीब 48 घंटे से ज़्यादा हो चुके हैं और अब तक मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई है. मामला अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच फंसा है. न्यूज़ 18 के मुताबिक दिल्ली में कांग्रेस के आलाकमान ने अशोक गहलोत के नाम पर मुहर लगा दी है. जबकि सीएम पद के एक और दावेदार सचिन पायलट पार्टी के इस फैसले को मानने को तैयार नहीं हैं.
सचिन पायलट ने ये दावा कर दिया है कि चुनावों के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की थी. पार्टी उन्हें मनाने की पूरी कोशिश कर रही है, यहां तक कि सोनिया गांधी भी पायलट से बात कर चुकी हैं. लेकिन वह मानने को तैयार नहीं हैं. सचिन पायलट का कहना है कि उन्होंने राजस्थान में जमकर मेहनत की है और अगर ऐसे में उन्हें सीएम नहीं बनाया जाता है तो इससे जनता के बीच गलत संदेश जाएगा.
माना जा रहा था कि गुरुवार को ही पार्टी राजस्थान के मुख्यमंत्री का नाम घोषित कर देगी, लेकिन फिर खबर आई कि अगली सुबह तक नाम में मुहर लगने की संभावना है. अब दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आवास पर सुबह से ही बैठकों का दौर चल रहा है. अशोक गहलोत और सचिन पायलट के साथ राहुल गांधी ने घंटों बैठक की. दिल्ली से लेकर जयपुर दोनों जगह दोनों नेताओं के समर्थक लागातार नारेबाजी कर रहे हैं.
सचिन पायलट की दावेदारी
साल 2013 में बीजेपी के हाथों करारी हार के बाद सचिन पायलट को राजस्थान की कमान दी गई थी. इस चुनाव में कांग्रेस महज 21 सीटों पर सिमट गई थी. इसके बाद विपक्ष में रहते हुए सचिन पायलट ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर अपनी टीम बनाने के साथ सरकार को लगातार घेरा.
अशोक गहलोत की दावेदारी
कांग्रेस के संगठन महासचिव अशोक गहलोत कांग्रेस की केंद्रीय राजनीति के साथ साथ राजस्थान में भी लगातार सक्रिय हैं. विधानसभा चुनावों में गहलोत लगातार स्टार प्रचारक के तौर पर पूरे प्रदेश में प्रचार किया. गुजरात और कर्नाटक के चुनावों में गहलोत की सक्रियता राजनीतिक हलकों में चर्चा में रही थी. अशेक गहलोत आज राजस्थान के साथ साथ कांग्रेस की केंद्रीय राजनीति का बड़ा चेहरा हैं.