म्हारा गांव जगमग गांव योजना के तहत पंचकूला को मिल रही है 24 घंटे बिजली।
प्ंचकूला, 11 दिसम्बर:
सरकार की बकाया बिजली बिल निपटान योजना-2018 जिला के ऐसे उपभोक्ताओं के लिए वरदान साबित होगी जो किसी कारणवश बिजली निगम के डिफाल्टर हो चुके है। इस योजना का लाभ उठाकर ऐसे लोगों के घर फिर से रोशन हो जाएगें। भविष्य में पंचकूला में कोई डिफाल्टर नही रहेगा।
उपायुक्त मुकुल कुमार ने बताया कि बकाया बिलों की समस्या के समाधान के लिए सरकार की यह अनूठी योजना है, क्योंकि इस योजना में बकायादारों को डिफाल्टर जैसे ऋण से मुक्त करके सरकार और उपभोक्ता दोनांे के हित को ध्यान में रखकर यह बिजली योजना बनाकर क्रियान्वित की है। बकाया बिजली बिलों के निपटारे के लिए इस योजना में सरकार ने मासिक आधार पर बहुत ही कम राशि निर्धारित कर ऐसा बेहतर फार्मूला तैयार किया है जिसमंे उपभोक्ता पर कोई भार भी नहीं पड़ेगा और आसानी से वहन कर डिफाल्टर सूची से भी बाहर हो जाएगा। इसके साथ ही अपने कटे हुए बिजली कनैक्शन भी उपभोक्ता दोबारा लगवाकर अपने घरों में बिजली लगवा सकेंगे।
उपायुक्त ने इस योजना के तहत जून 2005 से 30 जून 2018 तक बकाया बिलों के निपटारे के लिए ग्रामीण घरेलू बिल में 40 यूनिट के 112 रूपए, शहरी घरेलू में 50 यूनिट में 142 रूपए 50 पैसे, ग्रामीण गैर घरेलू में 483 रूपए 75 पैसे तथा शहरी गैर घरेलू में 975 रूपए मासिक देय राशि निर्धारित किया है। जून 2005 से पहले का बकाया सरकार ने माफ कर दिया है। उन्होंने बताया कि बीपीएल यानि गरीबी रेखा से नीचे उपभोक्ताओं के साथ सरकार ने उपरोक्त दरों पर पिछले एक साल का ही बिल भरने के लिए योजना में प्रावधान किया है और ऐसा करके सभी बीपीएल उपभोक्ता डिफाल्टर नहीं रहेंगे।
उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से म्हारा गांव जगमग गांव योजना शुरू की गई है। जिन गांवों ने यह योजना अपनाई है वहां के लोगों को 24 घंटे बिजली मिल रही है और बिजली के बिल भी कम आ रहे है। पंचकूला के नागरिकों ने इस योजना का लाभ प्रदेश में सबसे पहले उठाया आज पंचकूला उन्होंने बताया कि जिला में बिजली बिल माफी योजना के तहत 2688 से अधिक उपभोक्ताओं ने लाभ उठाया है तथा एक करोड़ 6 लाख 24 हजार रुपए की बकाया बिलों वसूली की जा चुकी है। उपभोक्ताओं को इस योजना में जिला के उपभोक्ताओं को लगभग 7 करोड़ 45 लाख रुपए की राशि का लाभ मिला है। इस प्रकार जिला के दो लाख 4 हजार उपभोक्ताओं को बिजली बिलों में राहत मिली है जिनमें एक लाख 32 हजार शहरी क्षेत्रों में रहने वाले उपभोक्ताओं एवं 65 हजार ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं के नाम सरकार की योजना का लाभ लेने वालों में शामिल है।