बुलंदशहर में उपद्रवियों के किए पथराव की घटना में 1 इंस्पेक्टर सहित कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं
बुलंदशहर में हुई हिंसा में एक पुलिस इंस्पेक्टर समेत दो लोगों की मौत हो गई. सीएम ने इस मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश भी दिए है.
यूपी के बुलंदशहर में गोवध के शक में भीड़ ने जमकर हंगामा और बवाल काटा है. उपद्रवियों ने यहां के चिंगरावठी चौराहे पर पुलिस पर पथराव और फायरिंग की, जिससे थाना प्रभारी सुबोध सिंह सिंह की गोली लगने से मौत हो गई. इस दौरान गुस्साए लोगों ने कई वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी की.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपर पुलिस महानिदेशक (अभिसूचना) एसबी शिरडकर को तत्काल मौके पर जाकर दो दिन में पूरे मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने यह भी निर्देशित किया है कि जांच रिपोर्ट में घटना के कारणों और दोषी व्यक्तियों का विवरण भी शामिल किया जाए.
सीएम योगी ने कहा कि जांच रिपोर्ट हासिल होते ही राज्य सरकार के जरिए दोषियों के खिलाफ कार्यवाही और प्रभावितों को आर्थिक सहायता दिए जाने के सम्बन्ध में निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने बुलंदशहर के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को शान्ति व्यवस्था बनाए रखने के सख्त निर्देश भी दिए हैं.
मिली जानकारी के मुताबिक, स्याना स्थित एक गांव के खेत में कथित रूप से मांस का टुकड़ा मिलने के बाद गुस्साए लोगों ने वहां जाम लगा दिया था. घटना की खबर मिलने पर पुलिस जब वहां जाम हटाने पहुंची तो भीड़ के साथ झड़प हो गई. हिंसा बढ़ने पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए फायरिंग की, जिसमें 1 युवक गंभीर रूप से घायल हो गया. इसके बाद भीड़ बेकाबू हो गई और उसने चौकी पर हमला कर दिया.
इस दौरान भीड़ में मौजूद कुछ असमाजिकतत्वों ने पुलिस के वाहन को आग लगा दी और पुलिसकर्मियों पर फायरिंग कर दी. गोलीबारी में स्याना कोतवाली के प्रभारी सुबोध कुमार सिंह की गोली लगने से मौत हो गई. जबकि पथराव की घटना में 1 इंस्पेक्टर सहित कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.
हालात काबू में करने के लिए मौके पर भारी पुलिस बल की तैनात की गई है. उपद्रव और हंगामे के बाद आईजी मेरठ जोन घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं. इस बीच पुलिस ने कहा है कि अभी गोहत्या के सबूत नहीं मिले हैं.
क्या है पूरा मामला?
बुलंदशहर में हुई हिंसा को लेकर ADG (लॉ एंड ऑर्डर) आनंद कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस पूरे मामले के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि लोगों की शिकायत थी कि उन्हें खेत में गाय का मांस मिला है. लेकिन गांव वालों ने वह मांस ट्रैक्टर में भरकर ले आए और मेन रोड जाम कर दिया. इसके बाद प्रदर्शन हिंसात्मक हो गया और लोग पुलिस पर पत्थर फेंकने लगे. इसके बाद पुलिस फोर्स को भी लाठी चार्ज करनी पड़ी.
कुमार ने बताया कि गांव वालों के साथ झड़प में एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई. इसके बाद एक स्थानीय युवक सुमित को भी गोली लगी. सुमित को मेरठ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि गोली किसने चलाई थी
योगी आदित्यनाथ ने पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और स्थानीय युवक सुमित की मौत पर दुख जताया है. उन्होंने भरोसा जताया कि मामले की जांच कराई जाएगी और मारे गए लोगों को मुआवजा दिया जाएगा.