बेरोजगारों की जेब पर 63 करोड़ से ज्यादा की लूट,फिर भी सरकार नही देती उपयुक्त सुविधाए : विजय बंसल


करोड़ो लूटे युवाओ से-फिर भी सुविधाए नही, परीक्षार्थियों को करना पड़ता है काफी दिक्कतों का सामना, 200 किमी दूर परीक्षा केंद्रों पर आने के बावजूद उपयुक्त सुविधाए नही


हरियाणा सरकार के हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने प्रदेश के बेरोजगार युवाओ की जेब पर डाका डालने का काम किया है , जिसमे प्रमुख रूप से युवाओ से परीक्षाओं के नाम पर चार साल में 63 करोड़ 36 लाख 62 हजार 295 रुपये की राशि तो 64526 रिक्त पदों की परीक्षाओं के लिए लेली परन्तु युवाओ को परीक्षा केंद्रों पर व आने जाने के लिए तथा अन्य उपयुक्त सुविधाए मुहैया करवाने में सरकार विफल साबित रही।हरियाणा सरकार में पूर्व चेयरमैन रहे व हरियाणा किसान कांग्रेस के प्रदेशउपाध्यक्ष विजय बंसल ने सरकार द्वारा युवाओ की जेब पर डाका डालने वाली इस नीति की कड़ी शब्दो मे निंदा करी है।विजय बंसल ने कहा कि सरकार द्वारा परीक्षा केंद्र 200-200 किमी दूर बनाए गए, पद के अनुसार प्रश्न नही बनाए जबकि बन्सल ने मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार को ज्ञापन भेज कर मांग करी है कि युवाओ के लिए विशेष रूप से बेहतर व उपयुक्त यातायात सुविधाए मुहैया करवाई जाए, परीक्षार्थियों के लिए खान-पान व रहन-सहन की सुविधाएं मुहैया करवाई जाए ताकि कोई अप्रिय घटना न घट सके और रहने के लिए युवाओ को भटकना न पड़े।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस छात्र संगठन,एनएसयूआई के आरटीआई सेल के राष्ट्रीय कॉर्डिनेटर दीपांशु बंसल द्वारा प्राप्त सूचना के आधार पर खुलासा किया गया है कि चार वर्षो में सरकार के हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने 63 करोड़ 36 लाख 62 हजार 295 रुपये की राशि 64 हजार 526 रिक्त पदों को भरने के लिए इकट्ठी करी है जिसमे वर्ष 2015 में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने 36 करोड़ 24 लाख 22 हजार 942, 2016 में 8 करोड़ 58 लाख 88 हजार 359 रुपये, 2017 में 17 करोड़ 47 लाख 17 हजार 717 व 2018 में जुलाई से पूर्व तक 96 लाख 33 हजार 277 रुपए की राशि एकत्रित करी जबकि परीक्षार्थियों के आवेदन के खर्चे के लिए एचकेसीएल को 13 करोड़ 50 लाख 54 हजार 925 रुपये तथा सी-डीएसी मोहाली को 8 करोड़ 18 लाख 57 हजार 136 रुपये खर्च किया गया ,जिसमे कुल मिलाकर 21 करोड़ 69 लाख 12 हजार 61 रुपये ही खर्च किया गया।
विजय बंसल ने आरोप लगाया है कि सरकार द्वारा युवाओ से करोड़ो की राशि मे आवेदन शुल्क तो लिया जाता है परन्तु युवाओ के लिए उपयुक्त सुविधाए मुहैया नही करवाई जाती जिससे न केवल बेरोजगार युवाओ का आर्थिक शोषण होता है बल्कि सरकार की युवाओ के प्रति सवेंदना पर भी शक जाता है।सरकार ने न तो रोजगार दिया है, न ही बेरोजगारी भत्ता बल्कि आवेदन के नाम पर प्रदेश के युवाओ से करोड़ो रुपये ठग लिए और सुविधाए मुहैया नही करवाई।

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