चंडीगढ़
अजय चौटाला को भी इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) से निष्कासित कर दिया गया है। इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा आज ओमप्रकाश चौटाला से हुई मुलाकात के बाद अजय को प्रधान महासचिव पद से हटाने और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित करने का निर्णय लिया गया। इससे पहले अजय के दोनों बेटों दुष्यंत अौर दिग्विजय को भी पार्टी से निकाला जा चुका है।
चंडीगढ़ में बातचीत करते हुये कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि परिवार के सदस्य ही परिवार पर उंगली उठा रहे हैं॰ बड़े भाई द्वारा दुर्योधन और भतीजे ने जयचंद कहा इसका मुझे बहुत दुख है .अभय चौटाला ने अजय और दुष्यंत पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा, ‘”मेरे बड़े भाई ने मुझे दुर्योधन की संज्ञा दी। भतीजे ने मुझे जयचंद कहा। उन्होंने तो मेरे मरने से पहले ही मेरी सत्रहवीं करने की बात कही है। हरियाणा में कुछ जगह बड़े-बुजुर्गों के मरने से पहले ही उनकी सत्रहवीं कर देते हैं। मैं भी अपनी सत्रहवीं पहले ही कर लेता तो अच्छा था। कम से कम मेरा बड़ा भाई तो ऐसा न करता। मेरा बड़ा भाई मुझे दुर्योधन कहे, इससे पीड़ादायक क्या होगा।’’
इनेलो ने इसी दिन चंडीगढ़ के जाट भवन में एक राज्य कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। इस बैठक में सभी कार्यकर्ताओं को 17 नवंबर को जींद में होने वाली रैली में शामिल होने को कहा गया है। जो कार्यकर्ता शामिल नहीं होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
दिग्विजय ने इसे बड़ी साजिश बताया कहा उनके दादा के फर्जी हस्ताक्षर किए गए
अजय चौटाला के निष्कासन पर उनके छोटे बेटे दिग्विजय ने कहा- यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। यह बड़ा षड्यंत्र है। निष्कासन के पत्रों को एक रात पहले अभय चौटाला और आरएस चौधरी ने तैयार करवाया है। इन दस्तावेजों पर ओमप्रकाश चौटाला के हस्ताक्षर भी फर्जी हैं।
यमुनानगर
अजय चौटाला को पार्टी से निष्कासित किये जाने पर अजय चौटाला का बयान:
“ये तो बताए कि मेरे ऊपर चार्ज क्या क्यों किया गया ये तो वही बताएंगे, जिन्होंने फैंसला लिया वो बताए कि मेरे खिलाफ क्या चार्ज है”
जींद कार्यक्रम का आपको नही अधिकार, इस पर बोले अजय चौटाला” जींद में निश्चित तौर पर होगा कार्यक्रम, प्रदेश के जिन लोगो ने खून पसीने से पार्टी को सींचा है, उनसे ही अधिकार लूंगा वही अधिकार देंगे”।
अजय चौटाला और के सी बांगड आदि Inld नेता इस समय यमुनानगर में हैं। अजय चौटाला को पार्टी से निकाले जाने की खबर आते ही मंच से के सी बांगड ने इस्तीफे की घोषणा कर दी है ।
अक्टूबर में गोहाना में हुई रैली से विवाद शुरू हुआ था
अक्टूबर में गोहाना में दिवंगत चौधरी देवीलाल के 105वें जन्मदिवस पर इनेलो की सम्मान दिवस रैली हुई थी।
- इसमें दुष्यंत ट्रैक्टर यात्रा के साथ मंच पर पहुंचे तो समर्थक ‘भावी सीएम’ के नारे लगाने लगे। तभी दूसरे गेट से उनके चाचा अभय चौटाला मंच पर पहुंचे तो उनके खिलाफ हूटिंग की गई।
- दुष्यंत से लेकर अन्य सभी वक्ताओं के भाषण तक ‘दुष्यंत भावी सीएम’ के नारे लगते रहे। अभय ने भाषण में दुष्यंत का नाम नहीं लिया। वे जब तक बोले, तब तक दुष्यंत समर्थक हूटिंग करते रहे। इस दौरान पैरोल पर रिहा हुए ओमप्रकाश चौटाला भी मौजूद थे। उन्होंने मंच से ही अपनी नाराजगी जताई।
- ओमप्रकाश चौटाला ने इस मामले को अनुशासन समिति को कार्रवाई के लिए सौंप दिया था। अनुशासन समिति की जांच के बाद अजय के बेटे दुष्यंत और दिग्विजय चौटाला को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।
- 12 नवंबर को अजय चौटाला ने एक पत्र जारी कर इनेलो के प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारियों, सदस्यों और विधायकों को पत्र भेज कर 17 नवंबर को जींद में पहुंचने के लिए आदेश जारी किए थे।
- इस पत्र पर इनेलो ने कहा था कि अजय चौटाला को बैठक बुलाने का कोई अधिकार नहीं है। बैठक या तो इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला बुला सकते हैं या फिर प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा को यह अधिकार है.