Tuesday, January 7


चिट्ठी ओर हस्ताक्षर दोनों ही जाली हैं

सांसद दुष्यंत चौटाला ने डॉ॰ अजय चौटाला के निष्कासन पर पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आज कहीं न कहीं एक बात स्पष्ट हो गयी है कि चौटाला साहब के नाम की आड़ लेकर कुछ लोग अपना फायदा देखने का काम कर रहे हैं।

उन्होने कहा कि निष्कासन की बात पर कहा कि प्रदेश अध्यक्ष ने अपना पक्ष स्पष्ट कर रहे हैं और न ही पत्र स्पष्ट कर रहे हैं। मैं विश्वास करता हूँ कि चौटाला साहब ऐसा निर्णय कभी नही कर सकते। ये जो निर्णय लिया गया है ये लोकदल के इतिहास में काला धब्बा है।

जींद में 17 नवंबर को होने वाली बैठक में संगठन से जुड़े साथियों को बुलाया जाएगा और उनसे डॉ अजय चौटाला द्वारा कहा जायेगा की आज जो संगठन में हालात हैं उसपर न्याय और अन्याय की लड़ाई में उनका साथ दें।

अपने और दिग्विजय के निष्कासन पर बोले कि चौटाला साहब हमारे परिवार और संगठन के भी मुखिया हैं। उन्होंने जो आशीर्वाद मुझे और दिग्विजय को दिया है उसे सर माथे लगाकर स्वीकार करता हूँ।