सर्वोच्च न्यायालय में आयकार संबंधी नोटिस के खिलाफ सोनिया राहुल की सुनवाई 4 दिसंबर को


सर्वोच्च न्यायालय को करोड़ों लोगों की आस्था समबद्धि मामले अनिवार्य नहीं लगते वहीं आयकर समबधित आयकार नोटिस को खारिज करने संबन्धित मामले त्वरित निपटाने की जल्दी दिखती है क्योंकि यह एक परिवार विशेष से जुड़े हुए हैं। 

हमें विश्वास है न्यायपालिका निष्पक्ष है।


 

नयी दिल्ली:

उच्चतम न्यायालय ‘आयकर आकलन’ मामले में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, अध्यक्ष राहुल गांधी और अन्य की अपील पर चार दिसम्बर को सुनवाई करेगा।

श्रीमती गांधी, उनके पुत्र और पार्टी के वरिष्ठ नेता ऑस्कर फर्नांडीस ने उन्हें जारी आयकर विभाग के नोटिस की वैधता को चुनौती दी है। न्यायमूर्ति ए के सिकरी और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की खंडपीठ ने कहा कि उसे इस बात की कानूनी समीक्षा करनी है कि आयकर विभाग का नोटिस वैध है या नहीं।

न्यायालय ने हालांकि इस मामले में आयकर विभाग को नोटिस जारी नहीं किया क्योंकि अदालत कक्ष में उसके वकील मौजूद थे। गौरतलब है कि कांग्रेस के तीनों नेताओं ने वित्त वर्ष 2011-2012 के लिए टैक्स के पुनर्मूल्यांकन की मांग को लेकर जारी किये गये आयकर नोटिस को चुनौती दी है।

याचिकाकर्ताओं की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ अधिवक्ता पी. चिदंबरम ने जिरह की। दिल्ली उच्च न्यायालय ने गत नौ सितंबर को आयकर विभाग के नोटिस के खिलाफ श्रीमती गांधी एवं उनके पुत्र राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी थी।

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