भाजपा में शामिल हुए 10 विधायकों के समर्थकों को भी बाहर का रास्ता दिखाएगी कांग्रेस
अभी तक पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल नेताओं पर ही अनुशासनात्मक कार्रवाई का डंडा चल रहा था, लेकिन हरीश रावत शासन काल में बीजेपी में शामिल होने वाले तत्कालीन दस कांग्रेस विधायकों के सैकड़ों समर्थकों को भी बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है
कांग्रेस की आपसी गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है. अभी तक पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल नेताओं पर ही अनुशासनात्मक कार्रवाई का डंडा चल रहा था, लेकिन हरीश रावत शासन काल में बीजेपी में शामिल होने वाले तत्कालीन दस कांग्रेस विधायकों के सैकड़ों समर्थकों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने की रणनीति भी तैयार की जाने लगी है. कांग्रेस के सूत्र कुछ ऐसा ही इशारा कर रहे हैं.
आपको बता दें कि साल 2016 में कांग्रेस के हाथ का साथ छोड़ बीजेपी का कमल थामने वाले नेताओं के तमाम समर्थक मौजूदा वक्त में कांग्रेस में ही हैं. पूर्व में कांग्रेस का साथ छोड़ने वाले पार्टी नेताओं के समर्थकों को भले ही कांग्रेस एक कूटनीति के तहत पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने वाली हो, लेकिन बीजेपी इस मसले पर न सिर्फ ऐसे कांग्रेसियों का स्वागत करने के लिए आतुर दिखाई दे रही है, बल्कि मौजूदा कांग्रेस के कुनबे को बीजेपी के प्रदेश महामंत्री नरेश बंसल ने तो पूरी तरह से बिखरा हुआ कुनबा ही करार दे दिया है.
भले ही आपसी गुटबाजी का दंश झेल रही विपक्षी पार्टी कांग्रेस की हालत मजबूत नहीं दिखाई दे रहे हो, लेकिन अब देखना होगा कि वास्तव में कांग्रेस के इस सियासी दांवपेंच का भविष्य में पार्टी को आखिर कितना फायदा मिल पाएगा?
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