‘देर से आया न्याय, न्याय नहीं होता’: योगी आदित्यनाथ
‘देर से आया न्याय, न्याय नहीं होता’. अगर फैसला समय पर आता है तो इसका स्वागत होगा. लेकिन अगर इसमें देरी होती है तो वो अन्याय के बराबर ही होगा
‘मंदिर का इंतजार जन्म जन्मांतर तक का नहीं हो सकता.’
इस संक्रमण के समय में, पवित्र पुरुषों को देश में शांति और सद्भाव को मजबूत करने के सकारात्मक प्रयासों को बढ़ावा देना चाहिए.’
अयोध्या में राम मंदिर बनवाने के लिए बीजेपी अध्यादेश का रास्ता भी अपना सकती है. मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए अध्यादेश लाने के विकल्प को नकार नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर इस मुद्दे को सर्वसम्मति से हल नहीं किया जा सकता है, तो फिर दूसरे विकल्पों को भी खंगाला जा सकता है.
कल सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार की राम जन्मभूमि मुद्दे पर जल्दी सुनवाई की याचिका को खारिज कर दिया था. इसके दिन बाद ही योगी आदित्यनाथ ने ये बयान दिया है. हालांकि मुख्यमंत्री ने ये जरुर कहा कि वो न्यायपालिका का सम्मान करते हैं. और संवैधानिक दिक्कतों को भी समझते हैं.
योगी ने कहा- ‘इस मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाया जाना चाहिए. क्योंकि राज्य में कानून और व्यवस्था को बनाए रखने की ज़िम्मेदारी हमारे ऊपर है. हालांकि सर्वसम्मति सबसे अच्छा समाधान है. लेकिन इसके इतर भी कई अन्य तरीके हैं.’
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अयोध्या मुद्दे की सुनवाई जनवरी 2019 के पहले सप्ताह करने का आदेश जारी किया था. कोर्ट ने बेंच द्वारा सुनवाई की तारीख तय करने के पहले अपील की सूची तैयार करने का आदेश दिया. साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि ‘हमारी अपनी प्राथमिकताएं हैं.’
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