Sunday, December 22


‘देर से आया न्याय, न्याय नहीं होता’. अगर फैसला समय पर आता है तो इसका स्वागत होगा. लेकिन अगर इसमें देरी होती है तो वो अन्याय के बराबर ही होगा

‘मंदिर का इंतजार जन्म जन्मांतर तक का नहीं हो सकता.’

इस संक्रमण के समय में, पवित्र पुरुषों को देश में शांति और सद्भाव को मजबूत करने के सकारात्मक प्रयासों को बढ़ावा देना चाहिए.’


अयोध्या में राम मंदिर बनवाने के लिए बीजेपी अध्यादेश का रास्ता भी अपना सकती है. मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए अध्यादेश लाने के विकल्प को नकार नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर इस मुद्दे को सर्वसम्मति से हल नहीं किया जा सकता है, तो फिर दूसरे विकल्पों को भी खंगाला जा सकता है.

कल सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार की राम जन्मभूमि मुद्दे पर जल्दी सुनवाई की याचिका को खारिज कर दिया था. इसके दिन बाद ही योगी आदित्यनाथ ने ये बयान दिया है. हालांकि मुख्यमंत्री ने ये जरुर कहा कि वो न्यायपालिका का सम्मान करते हैं. और संवैधानिक दिक्कतों को भी समझते हैं.

योगी ने कहा- ‘इस मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाया जाना चाहिए. क्योंकि राज्य में कानून और व्यवस्था को बनाए रखने की ज़िम्मेदारी हमारे ऊपर है. हालांकि सर्वसम्मति सबसे अच्छा समाधान है. लेकिन इसके इतर भी कई अन्य तरीके हैं.’

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अयोध्या मुद्दे की सुनवाई जनवरी 2019 के पहले सप्ताह करने का आदेश जारी किया था. कोर्ट ने बेंच द्वारा सुनवाई की तारीख तय करने के पहले अपील की सूची तैयार करने का आदेश दिया. साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि ‘हमारी अपनी प्राथमिकताएं हैं.’

मुख्यमंत्री ने कहा- ‘संतों को पूरे धैर्य के साथ श्रीराम जन्मभूमि के समाधान की दिशा में होने वाले उन सभी सार्थक प्रयासों में सहभागी बनना चाहिए, जिससे देश में शांति और सौहार्द की स्थापना हो तथा भारत के सभी संवैधानिक संस्थाओं के प्रति सम्मान का भाव सुदृढ हो.’

आदित्यनाथ ने कहा कि जनता राम जन्मभूमि में जल्दी निर्णय की अपेक्षा कर रहे थे. साथ ही उन्होंने कहा ‘देर से आया न्याय, न्याय नहीं होता’. अगर फैसला समय पर आता है तो इसका स्वागत होगा. लेकिन अगर इसमें देरी होती है तो वो अन्याय के बराबर ही होगा.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बारे हिंदूवादी संगठनों द्वारा नरेंद्र मोदी सरकार से इस अध्यादेश के रास्ते पूरा करने की मांग ने जोर पकड़ लिया है. उधर आरएसएस ने कहा है कि मंदिर ‘तुरंत बनाया जाना चाहिए’ और केंद्र ‘बाधाओं को दूर करने के लिए कानून लाए’. वीएचपी ने कहा कि ‘मंदिर का इंतजार जन्म जन्मांतर तक का नहीं हो सकता.’

सीएम ने लोगों से धैर्य बनाए रखने और सकारात्मक प्रयासों में हाथ बढ़ाने का आग्रह किया. साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हम सभी साधु संतों का सम्मान करते हैं और उनकी चिंताओं का सम्मान करते हैं. इस संक्रमण के समय में, पवित्र पुरुषों को देश में शांति और सद्भाव को मजबूत करने के सकारात्मक प्रयासों को बढ़ावा देना चाहिए.’