राजस्थान में कांग्रेस पार्टी ने प्रत्याशियों के चयन के लिए एक ऐसी शर्त लगाई है जिसकी वजह से कई नेताओं पर टिकट कटने की तलवार लटकने लगी है.
राजस्थान में कांग्रेस पार्टी ने प्रत्याशियों के चयन के लिए एक ऐसी शर्त लगाई है जिसकी वजह से कई नेताओं पर टिकट कटने की तलवार लटकने लगी है. दिल्ली में चल रही है राजस्थान कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में फैसला लिया गया है कि लगातार दो बार हार का सामना कर चुके प्रत्याशियों को टिकट नहीं दिया जाएगा. आलाकमान के इस फैसले के बाद राज्य में कई कांग्रेसी नेताओं की पेशानी पर बल आ गए हैं.
दिल्ली में हुई इस स्क्रीनिंग कमेटी की अहम बैठक में फैसला लिया गया है कि 30 हजार से ज्यादा मतों से हारे पूर्व सांसदों और दागी नेताओं का टिकट काटने पर भी फैसला किया जा सकता है. कहा जा रहा है कि आलाकमान का ये फैसला अगर लागू हुआ तो राजस्थान में 20 से ज्यादा नेताओं के टिकट काटे जा सकते हैं.
ये हो सकते हैं दौड़ से बाहर
अगर नए मापदंड पूरी तरह से लागू हुए तो दर्जन भर पूर्व सासंद भी विधानसभा टिकट की दौड़ से बाहर हो सकते हैं. दो बार हारे हुए डॉ. चंद्रभान, बीडी कल्ला, रिछपाल मिर्धा, डॉ. सीएस बैद, रामचंद्र सराधना, आलोक बेनीवाल, जुबेर खान, संयम लोढा, ममता शर्मा, नरेन्द्र शर्मा, रमेश खिंची, दीपचंद खेड़िया, बनवारीलाल शर्मा, विक्रम सिंह शेखावत, लक्ष्मण मीणा, गिरीश चौधरी, गोपाल बाहेती, खुशवीर सिंह जोजावर और नईमुद्दीन गुड्डु टिकट की दौड़ से बाहर हो सकते हैं.
दागी नेताओं पर भी आ सकता है संकट
मंगलवार को सुबह 11:30 बजे से स्क्रीनिंग कमेटी की फिर से बैठक होगी. मंगलवार की बैठक में 30,000 से ज्यादा मतों से हारे दावेदारों, पूर्व सांसदों और दागी नेताओं को टिकट नहीं देने पर फैसला किया जा सकता है. बैठक में कमेटी अध्यक्ष कुमारी शैलजा, संगठन महासचिव अशोक गहलोत, पीसीसी चीफ सचिन पायलट और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे समेत अन्य नेता मौजूद रहेंगे. दावेदारों की भीड़ देखते हुए बैठक कांग्रेस वॉर रूम के बजाय कहीं और की जा सकती है.