राम जन्मभूमि पर अध्यादेश लाने पर ओवैसी सरकार को देख लेंगे


सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ओवैसी ने कहा कि बीजेपी कब तक अध्यादेश के नाम पर राम मंदिर मामले में डराती रहेगी

ओवैसीने कहा की सरकारी मर्ज़ी का अध्यादेश नहीं चलेगा देश संविधान से चलेगा 


अयोध्या राम मंदिर मामले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई जनवरी तक टाल दी है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई जनवरी में शुरू किए जाने का फैसला दिया है. मामले की नियमित सुनवाई पर फैसला भी अब जनवरी में ही होगा. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद ही अब मामले में अलग-अलग नेताओं का प्रतिक्रिया सामने आ रही है.

 

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने राम मंदिर मामले पर केंद्र सराकर को चुनौती दे डाली है. उन्होंने केंद्र सरकार से कहा कि आप सत्ता में है. अगर हो सके तो राम मंदिर पर अध्यादेस लाकर दिखाइए, उन्होंने कहा कि हर बार सरकार अध्यादेश लाने की धमकी देती है. उन्होंने कहा बीजेपी कब तक अध्यादेश के नाम पर राम मंदिर मामले में डराती रहेगी. ओवैसी ने कहा कि अगर पीएम का 56 इंच का सीना है तो अध्यादेश लाकर दिखाएं.

वहीं उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने फैसले के बाद कहा कि ये कोर्ट का फैसाल है इसलिए मैं इस पर कुछ नहीं कहना चाहता. हालांकि ये अच्छा संकेत नहीं हैं.

दूसरी तरफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि यह एक परिचित कहानी है. हर 5 साल में चुनाव से पहले, बीजेपी राम मंदिर का मुद्दा उठाती है. कांग्रेस पार्टी की स्थिति यह है कि मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के सामने है, सभी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए

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