हरियाणा के खिलाड़ियों के साथ हरियाणा सरकार कर रही धोखाधड़ी : दीपांशु बंसल
अधिसूचना में हरियाणा सरकार ने करी चूक,खिलाड़ियों का भविष्य अधर में
मुख्यमंत्री-खेल मंत्री को भेजा ज्ञापन, कार्यवाही नही हुई तो , खिलाड़ियों के हितों की रक्षा में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे
चंडीगढ़। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस छात्र संगठन के राष्ट्रीय मीडिया कॉर्डिनेटर दिपांशू बंसल ने हरियाणा सरकार पर हरियाणा के खिलाड़ियों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है।दीपांशु ने सूबे के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व खेल मंत्री अनिल विज को ज्ञापन भेजकर मांग करी है कि , जो खिलाड़ी 18 से 20 वर्ष की आयु की श्रेणी में आते है व जो राष्ट्रीय खेलो में पदक विजेता है उन्हें ग्रेड सी की श्रेणी के आधार पर नौकरी दी जाए।हरियाणा सरकार द्वारा सक्षम खिलाड़ियों(ESP)को स्पोर्ट्स ग्रेडेशन सर्टिफिकेट पहले के आधार पर किया जाए।इसमें अधिसूचना के 6.2 बिंदु में अंकित किया गया है कि जो प्रतियोगिता सीनियर खेल प्रतियोगिता अंकित नही करेगी वह श्रेणी सी में नही आएगा , उसे खत्म किया जाए और पहले के आधार पर ही श्रेणी सी के अनुसार ग्रेडेशन प्रमाण पत्र दिया जाए व नौकरियों में हिस्सा दिया जाए तथा जिन खेल प्रमाण पत्रों में सीनियर खेल प्रतियोगिता अंकित न हो परन्तु वह 18 से 20 वर्ष की आयु श्रेणी में खिलाड़ी पदक विजेता हो , उसकी श्रेणी को कम न किया जाए।
दीपांशु स्वयं राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओ का हिस्सा रहे है और राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में हरियाणा की ओर से खेल चुके है।इसके साथ साथ जिला व राज्य स्तर पर भी खेल प्रतियोगिताओ का हिस्सा रह चुके है तथा पदक पाए है।
दिपांशू ने कहा कि स्पोर्ट्स व यूथ अफेर्स विभाग , हरियाणा सरकार ने 25 मई 2018 को सक्षम खिलाड़ियों(ESP)को स्पोर्ट्स ग्रेडेशन सर्टिफिकेट लेने के लिए 30 नवम्बर 1993 की दिशा निर्देशो में बदलाव किए जिसमे हरियाणा के खिलाड़ियों के साथ धोखाधड़ी करी और उनके हकों का हनन करने का काम किया।स्पोर्ट्स ग्रेडेशन प्रमाण पत्र मिलने से खिलाड़ियों को स्पोर्ट्स कोटा के अंतर्गत नौकरी लेने में हिस्सा मिलता है।इस कोटे के अंतर्गत जो खिलाड़ी हरियाणा प्रदेश की ओर से राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खेलो में हिस्सा लेते है व पदक लाते है उन्हें नौकरियों में ग्रेड के अनुसार हिस्सा मिलता है।
दीपांशु बंसल ने बताया कि 25 मई 2018 से पूर्व जो खिलाड़ी 18 से 20 वर्ष की आयु श्रेणी के राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में पदक विजेता हुआ करते थे वो श्रेणी सी के आधार पर स्पोर्ट्स कोटा के आधार पर नौकरियां पाने के लिए सक्षम थे परन्तु 25 मई 2018 में बदलाव के बाद जो खिलाड़ी 18 से 20 वर्ष की आयु के राष्ट्रीय खेल पदक विजेता है उनको 1 श्रेणी नीचे कर दिया है जिससे उन्हें ग्रुप सी के आधार पर नौकरियां नही मिल पाएगी व ग्रुप डी की श्रेणी के आधार पर आवेदन कर सकते है जबकि रेलवे विभाग,इनकम टैक्स व अन्य अर्ध सैनिक बलो में इन्ही खिलाड़ियों को ग्रुप सी की श्रेणी के आधार पर नौकरियां देने का प्रावधान है परन्तु हरियाणा सरकार द्वारा ग्रुप डी की श्रेणी के आधार पर नौकरियां देने का प्रावधान है जिससे हजारो सक्षम खिलाड़ियों के हितों के साथ कुठाराघात किया जा रहा है।हरियाणा सरकार ने अंडर 20 खेल प्रतियोगिताएं यानी, 18 से 20 वर्ष की आयु के खेल प्रतियोगिताओं में जिन खेलो के प्रमाण पत्रों में सीनियर खेल अंकित नही होगा उसे जूनियर खेल प्रतियोगिताओं की श्रेणी में गिना जाएगा जबकि इससे पूर्व सीनियर व जूनियर का अंकित होना मान्य नही था।सरकार की नई पालिसी के अनुसार अंडर 20 खेल प्रतियोगिता का विजेता, सब जूनियर खेल प्रतियोगिता यानी अंडर 14 खेल प्रतियोगिता के विजेता के बराबर होगा जोकि खिलाड़ियों के साथ भेदभाव है।
दीपांशु बन्सल ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार प्रदेश में खिलाड़ियों के साथ लुभावने वायदे करती है और गुमराह करने का काम करती है जबकि असल मे उनके हितों का हनन कर रही है।जिस प्रकार से 25 मई 2018 की अधिसूचना में भाजपा सरकार ने बदलाव किया है, वह 18 से 20 वर्ष के पदक विजेता खिलाड़ियों के साथ भेदभाव है।
दीपांशु ने कहा कि यदि सरकार ने खिलाड़ियों की हितों की रक्षा में कार्यवाही नही करी तो माननीय पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा और खिलाड़ियों के हितों की रक्षा करी जाएगी।
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