Sunday, December 22


भाजपा के कुशासन में , पहले एसीसी और अब एचएमटी हुई बन्द 
क्षेत्र से नही कोई सरोकार,केवल घोटालेबाजो की है ये भाजपा सरकार


भाजपा सरकार ने 27 अकटुबर 2016 को एचएमटी लिमिटेड पिंजोर के ट्रेक्टर प्लांट को बन्द करके क्षेत्र के लाखों लोगों की रोटी को छिनने का काम किया था,इसी बाबत 2 साल बीतने के बाद भी न तो कर्मचारियों की समस्या का समाधान हो सका,करोड़ो की मशीनरी को जंग लग रहा है,न ही फेक्ट्री रिवाइव हो सकी।एचएमटी बचाओ संघर्ष समिति के संरक्षक विजय बंसल ने एचएमटी के रामबीर पांचाल,वीरेंद्र राणा,बलबीर सैनी,रमेश शर्मा,सतपाल , बलदेव रूपचंद आदि कर्मचारियो को लेकर पंचकूला में एक निजी होटल में प्रेस वार्ता को सम्भोधित करके 27 अकटुबर को काला दिवस बनाने का एलान किया है जिसमे एचएमटी के कर्मचारी,सेवानिवृत कर्मचारी,विभिन्न दलों के स्थानीय नेता,समाजिक संस्थाओं के लोग व स्थानीय क्षेत्रवासी मोदी व खट्टर सरकार के विरुद्ध अपना रोष व्यक्त करेगे।

इस प्रदर्शन में ट्रैक्टर प्लांट को पुनः शुरू करवाने,नया उद्योग लगाने की मांग करी जाएगी।विजय बन्सल ने इस प्रदर्शन में सभी दलों के स्थानीय नेताओ व कार्यकर्ताओं,समाजिक संस्थाओं व स्थानीय निवासियों को आह्वान किया है कि इस प्रदर्शन में युवाओ के रोजगार को मद्देनजर रखते हुए,भविष्य को सुरक्षित करने के लिए दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इस प्रदर्शन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले।विजय बंसल ने कहा कि यह एचएमटी बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले होगा जिसका आयोजन एचएमटी गेट पर किया जाएगा।

विजय बंसल ने वार्ता के दौरान खुलासा करते हुए बताया कि 23 दिसम्बर 2017 को प्रधानमंत्री कार्यालय मे व राज्य हरियाणा सरकार ने 30 मई 2018 को एचएमटी के मामले को सुलझाने के लिए विशेष बैठक कर प्रदेश व देश की जनता को ठगने का काम किया।बैठक में निर्णय लिए गए कि केंद्रीय कैबिनेट ने स्वीकृति देदी है कि एचएमटी 446 एकड़ जमीन का कब्जा हरियाणा सरकार को दे जिसमे 297 एकड़ पर HSIIDC , 62.54 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से पूरी कीमत एचएमटी को देगी व बकाया 149 एकड़ की 60 प्रतिशत रकम जमा करवाएगी।बंसल ने बताया कि सरकार व एचएमटी इस जगह पर उद्योग लगाने की बजाय , 100 एकड़ भूमि में फल व सेब मंडी मंजूर कर दी है जिससे न तो प्रदेश सरकार को कोई आय होगी, न ही किसी युवा को रोजगार मिलेगा व जनता का 100 करोड़ खुर्द बुर्द करने का काम कर रहे है।पंचकूला में सेब मंडी का प्रोजेक्ट फेल साबित हुआ है और वहां के निवासियों की दुर्गंध की शिकायत की वजह से इसे बदलकर पिंजोर व आसपास की जनता को सेब की दुर्गंध देने के लिए जनता का पैसा बर्बाद किया जा रहा है।33 एकड़ जमीन रेलवे द्वारा एक्वायर का मुआवजा,18 एकड़ एनएचआई व कौशल्या डैम द्वारा अधिकृत जमीन का मुआवजा भी एचएमटी को देने का निर्णय लिया।

एचएमटी व सरकार की मिलीभगत से पहले एचएमटी को बन्द किया गया,अब सरकार द्वारा जमीन को एचएमटी को दिया गया,फिर जमीन को खुर्द बुर्द करने के लिए अपर्याप्त व गैर संबंधित प्रोजेक्ट्स को लगाने के लिए स्वीकृति दी गई और प्रदेश की जनता के पैसे को बर्बाद करने के लिए व कॉरपोरेट मित्रो को फायदे पहुंचाने के लिए एक सुनियोजित षड्यंत्र रचा गया।

भाजपा के देश व प्रदेश में शासन के 4 वर्ष पूरे हो गए है जोकि पूरी तरह विफल साबित हुए है।एक तरफ जहां सरकार मेक इन इंडिया व स्किल्ड इंडिया की बात करती है वही विश्वस्तरीय भारतीय उत्पादों व उद्योगों को बंद करने में कोई कसर नही छोड़ रही।एचएमटी बचाओ संघर्ष समिति के संरक्षक विजय बंसल ने भाजपा सरकार की 4 वर्ष कार्यशैली पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र व राज्य में भाजपा की सरकार है, केंद्र में हरियाणा से सम्बंधित 6 मंत्री है व राज्य में शिवालिक क्षेत्र से 4 मंत्री-10 विधायक है जबकि स्थानीय विधायक व सांसद भाजपा से है , परन्तु एचएमटी को बचाने में तथा भाजपा के चुनावी वायदों को पूरा करने में सभी विफल साबित हुए है।सन 1962 में तत्कालीन मुख्यमंत्री, संयुक्त पंजाब स्व प्रताप सिंह केरोंन ने एचएमटी को उद्योग लगाने के लिए 846 एकड़ भूमि निशुल्क दी थी।

एचएमटी बचाओ संघर्ष समिति के संरक्षक विजय बंसल ने विज़न डॉक्यूमेंट , प्रधानमंत्री भारत सरकार को प्रस्ताव करते हुए भेजा था जिससे यहां मिनी ट्रेक्टर व इंजन आदि का उत्पादन किया जा सकता था परन्तु सरकार की जनविरोधी नीति के चलते व निजीकरण की नजर से व बिल्डर्स मित्रो को फायदा पहुंचाने हेतु इस सूरत में कोई काम नही किया गया।वही मोदी सरकार ने गुजरात मे छोटे ट्रेक्टर बनाने हेतु प्लांट लगाए परन्तु एचएमटी जैसे विश्वस्तरीय प्लांट को बंद कर दिया गया।यहा छोटे ट्रेक्टरों का उत्पादन किया जा सकता था जबकि स्थानीय भाजपाई नेतृत्व कमजोर होने के कारण फेक्ट्री को बंद किया गया।एचएमटी ट्रेनिंग सेंटर में प्रति वर्ष सेकड़ो नौजवान व सेवानिवृत जवान ट्रेनिंग लेकर स्वरोजगार व अन्य रोजगार के अवसर पैदा करते है।स्किल डेवलपमेंट के अंतर्गत आईआईटी एवं तकनीकी विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जा सकता है क्योंकि 2016 में केपिटल गुड्स स्किल काउंसिल ने उच्च ट्रेनिंग सेंटर का दर्जा दिया था।उत्तराखंड व हिमाचल के भांति शिवालिक क्षेत्र को औद्योगिक पैकेज दिया जाना चाहिए।हरियाणा सरकार ने अपनी लगभग 400 एकड़ जमीन , एचएमटी कम्पनी के नाम करके स्वामी बना दिया है जिससे एचएमटी कम्पनी को जमीन व मशीनरी आदि बेचने का अधिकार मिल गया है क्योंकि इसी तरह 1997 में तत्कालीन केंद्र में भाजपा सरकार व हरियाणा में भाजपा-हविपा गठबंधन की सरकार ने भूपेंद्र सीमेंट कम्पनी को बंद कर दिया था।एसीसी कम्पनी ने अरबो की 122 एकड़ जमीन प्राइवेट बिल्डर्स को बेच दी व जमीन को खुर्द बुर्द कर दिया।सन 2000 सरकार में औरंगाबाद में तत्कालीन एनडीए सरकार ने एचएमटी प्लांट को बंद करने के आदेश दिए थे जबकि मजबूत नेतृत्व होने के कारण महाराष्ट्र में फेक्ट्री अभी भी चल रही है।भाजपा नेता व सरकार द्वारा कर्मचारियों को एछीक सेवा निवृत्त लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जबकि उद्योग लगाने की बजाय स्थानीय व कमजोर भाजपाई नेतृत्व द्वारा कभी चिड़िया घर तो कभी पंचकूला से पिंजोर सेब मंडी शिफ्ट करने की मांग व दावे करके जनता को गुमराह किया जा रहा है बल्कि यहाँ सेब की पैदावार नही है व स्थानीय किसानों व लोगो को इसका कोई लाभ नही है।साथ ही गत वर्ष भाजपा नेताओ द्वारा कालका को औद्योगिक पिछड़ा क्षेत्र घोषित कराने की वाहवाही लूटी जबकि यहाँ उद्योग लगने चाहिए थे परन्तु यहां से उद्योग पलयन कर गए।शिक्षित युवा साथ लगते हिमाचल के क्षेत्र में कम वेतन पर काम करने को मजबूर है इसीलिए यहाँ नशो का कारोबार बढ़ता जा रहा है।