चण्डीगढ़ 17 अक्तुबर 2018
पूर्व मुख्यमन्त्री भूपेन्द्र सिह हुड्डा ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर कर्मचारियों के दमन का आरोप लगाया है और कहा है कि सरकार ने कभी भी संजीदगी से कर्मचारियों की बात नहीं सुनी और किसी बात पर सहमति भी बनी तो उसे पूरा नहीं किया। मजबूर होकर कर्मचारियों को आन्दोलन का रास्ता चुनना पड़ा है, वहीं सरकार ने उनकी न्यायोचत मांगों पर विचार करने की बजाय एस्मा लगाकर उन्हें डराने का रास्ता चुना है। सरकार भूल रही हैं कि कर्मचारी किसी भी सरकार की धुरी होते हैं और कर्मचारियों के असन्तोष से जनता तो परेशान होती है साथ ही विकास का पहिया भी रूक जाता हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने हरियाणा रोडवेज की हड़ताल पर सरकार के कठोर निर्णयों की तीव्र भर्त्सना की और कहा है कि यह गलत है कि प्रोबेशन पर चल रहे उन चालकों और परिचालकों की सेवायें, जिन्होंने कल व आज की हड़ताल में भाग लिया, बिना कारण बताओ नोटिस के समाप्त कर दी गई। प्रोबेशन पर चल रहे जिन नव-नियुक्त लिपिकों ने हड़ताल में भाग लिया है, उन्हें भी निलम्बित कर दिया गया है। आउटसोर्सिंग पोलिसी-ाा के तहत ठेके पर लगे 252 चालक भी निलम्बित कर दिये गये हैं। सरकार यहीं नहीं रूकी, पलवल के महाप्रबंधक व बहादुरगढ़ के वर्क्स मैनेजर पर भी गाज गिरी है और उन्हें निलम्बित कर दिया गया है। इसके अलावा हड़ताल शुरू होने से पहले सरकार 247 कर्मचारियों को पहले ही निलम्बित कर चुकी है। कांग्रेस पार्टी सरकार के कर्मचारी विरोधी आचरण की घोर निन्दा करती है और कर्मचारियों को अपना समर्थन व्यक्त करती है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार को कर्मचारियों को कुचलने और जनता को परेशान करने वाली नीतियों को छोड़ कर कानून व्यवस्था बनाये रखने पर ध्यान देना चाहिये। बावल (रेवाड़ी) में 13 साल की नाबालिग छात्रा की बरामदगी को लेकर बावल चौरासी की महापंचायत काफी दिनों से धरने पर है, पर तीन माह से लापता छात्रा का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है, जो सरकार की नाकामी दर्शाता है। कल ही गुरूग्राम में देर रात औम स्वीटस के अन्दर बदमाशों ने 18 हवाई फायर किये और दुःसाहस का आलम देखिये कि बैरे को जाते हुए पर्ची भी थमा गये, जिससे सारे शहर में दहशत का माहौल है। यही नहीं रेवाड़ी के पुष्पांजली होस्पीटल में भी बदमाशों द्वारा गोलियां दागी गई। आज हरियाणा में सरकार की अकर्मन्यता के कारण अपरोधियों के हौंसले बुलन्द हैं और उन्हें कानून का कोई डर नहीं है।
हुड्डा ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार शासकीय कौशल से कोसों दूर है। सरकार का न कानून व्यवस्था पर नियंत्रण है, न कर्मचारियों के किसी वर्ग की उचित मांगों को पूरा कर पाई है, न सामाजिक सौहार्द रख पाई है और न गत विधान सभा के चुनाव के वक्त किये गये अपने वायदों को पूरा कर पाई है। भाजपा सरकार को यह अनदेखा नहीं करना चाहिये कि हरियाणा की जनता का आक्रोश चर्म पर है, तभी तो पद यात्रा पर निकले भाजपा विधायकों को लोगों का गुस्सा और विरोध झेलना पड़ रहा है। मेरा प्रदेश सरकार से आग्रह है कि वो संयम दिखाये और टकराव का रास्ता छोड़कर कर्मचारियों से बातचीत कर समाधान निकाले।