नरेश शर्मा भारद्वाज:
उत्तर प्रदेश के शामली जिले में यूपी पुलिस ने एनकाउंटर में पुलिसकर्मियों से ही लूटी गई राइफल और दूसरे असलहे बरामद कर लिए हैं। मामले में गिरफ्तार अपराधियों से पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पकड़े गए बदमाशों ने बताया कि उनका मकसद अलगे कुछ दिनों पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की रैली में आतंक फैलाना और उनकी हत्या करने का था।मेरठ जोन के एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि झिंझाना थाना क्षेत्र के गांव रंगाना में रविवार देर रात हुए पुलिस एनकाउंटर में पकड़े गए बदमाशों से पुलिसकर्मियों से लूटी हुई इंसास और थ्री नॉट थ्री की इंसास राइफल बरामद कर ली गई है। वहीं भारी मात्रा में कारतूस और दूसरे असलहा भी बरामद किए गए हैं। उन्होंने बताया कि दो अक्टूबर की रात को झिंझाना थाना क्षेत्र में कमालपुर चौकी के पास पुलिस पिकेट पर हमला कर अपराधियों ने असलहा लूटा था।
एक इंसास राइफल, 20 कारतूस, एक 303 राइफल और 10 कारतूस थे
इसमें एक इंसास राइफल, 20 कारतूस, एक 303 राइफल और 10 कारतूस थे। मामले में रविवार देर रात 3 बजे के करीब अपराधियों की पुलिस से मुठभेड़ हुई। इसमें तीन बदमाश गिरफ्तार किए गए हैं, जिसमें से दो पुलिस की गोली लगने से घायल हुए हैं, वहीं इस मुठभेड़ में तीन पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। लूट के बाद ये राइफलें पूजा स्थल पर छुपा रखी गई थीं, जिसे देर रात पंजाब शिफ्ट किया जाना था। हालांकि इस दौरान पुलिस को दौरान ये मुठभेड़ हुई।
लूट के हथियारों से पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का मारने का था प्लान
एडीजी ने बताया कि बदमाशों ने कबूला है कि उनका मकसद आने वाले समय में लूट के हथियारों से पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की रैली में आतंक फैलाना था। यही नहीं वह उनकी हत्या भी करना चाहते थे। एडीजी मेरठ ने बताया कि पकड़े गए बदमाशों का मास्टरमाइंड जर्मन नाम का अपराधी है। वह अभी भी फरार है। शुरुआती जांच में उसकी फेसबुक आईडी की शिनाख्त की गई, जिससे खालिस्तान की मांग से जुड़े आतंकी संगठन से संपर्क की पुष्टि हुई है। एडीजी ने बताया कि पकड़े गए बदमाशों का जनपद में कोई भी अपराधिक इतिहास नहीं है।
उन्होंने बताया कि इस मामले का खुलासा होते ही देश की सभी एजेंसियों को सूचित कर दिया गया है। इस संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को भी सूचित कर दिया है। वहीं मास्टरमाइंड जर्मन की भी तलाश तेज कर दी गई है। एडीजी ने बताया कि घटना का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को 50 हजार रुपए का ईनाम दिया गया है।